न्यूज डेस्क :
पाकिस्तान में शहबाज शरीफ प्रधान मंत्री बने हैं. नेशनल असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव के जरिए इमरान खान को पद से बेदखल किए जाने के बाद पाकिस्तान मुस्लीम लीग- नवाज (पीएमएल-एन) के नेता शहबाज शरीफ का प्रधानमंत्री बनया गया है. पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में तीन बार मुख्यमंत्री रह चुके शहबाज पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के छोटे भाई हैं. शहबाज का पाकिस्तान की सेना के साथ मधुर संबंध हैं और इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने में उसकी भूमिका अहम है.
शहबाज शरीफ भारत के खिलाफ लगातार कठोर बयानबाजी करते रहे हैं, जबकि अपने आखिरी सम्बोधन में इमरान खान ने भारत की काफी तारीफ की. इधर चीन शहबाज शरीफ को इमरान खान से बेहतर प्रधान मंत्री बता रहा है.
बता दें कि पाकिस्तान के 75 साल के इतिहास में आधे से अधिक समय तक देश पर सेना का शासन रहा है और सेना अब भी सुरक्षा और विदेश नीति के मामलों में अपना काफी दखल रखती है. हालांकि, शनिवार-रविवार की रात को प्रधानमंत्री पद से हटाए गए इमरान खान के भी सेना के साथ संबंध अच्छे ही थे, लेकिन ऐन वक्त पर सेना ने उनका साथ नहीं दिया था. एक तरफ़ चीन ने शहबाज शरीफ को इमरान खान से बेहतर पीएम बताया है, वहीं दूसरी ओर शाहबाज भारत की तीखी आलोचना करते रहे है.
कौन हैं शहबाज शरीफ और उनका परिवार?
शहबाज शरीफ पाकिस्तान के पूर्व प्रधान मंत्री नवाज शरीफ के छोटे भाई हैं. उनके पिता अनंतनाग के कारोबारी थे, वे कारोबार के लिए कश्मीर के अनंतनाग से पाकिस्तान गए थे और 20वीं शताब्दी की शुरुआत में पंजाब के अमृतसर जिले के जट्टी उमरा गांव में बस गए थे. उनकी मां का परिवार पुलवामा से आया था. विभाजन के बाद शहबाज का परिवार अमृतसर से लाहौर चला गया, जहां उन्होंने अपने घर का नाम ‘जट्टी उमरा’ रखा. शहबाज शरीफ ने लाहौर के गवर्नमेंट कॉलेज यूनिवर्सिटी से स्नातक की. शहबाज ने पांच शादियां कीं है. फिलहाल, उनके साथ दो पत्नियां (नुसरत और तहमीना दुर्रानी) हैं, जबकि उन्होंने तीन (आलिया हानी, नीलोफर खोजा और कुलसुम) को तलाक दे दिया है. नुसरत से उनके दो बेटे और तीन बेटियां और आलिया से एक बेटी है. उनके बड़े बेटे हमजा शहबाज़ पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता हैं. हमजा पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ गठबंधन के उम्मीदवार परवेज इलाही के खिलाफ मुख्यमंत्री पद का चुनाव भी लड़ रहे हैं. उनका छोटा बेटा सुलेमान शहबाज परिवार का कारोबार देखता है. फिलहाल वह मनी लॉन्ड्रिंग और आय से अधिक संपत्ति के मामले में फरार है और पिछले कुछ साल ब्रिटेन में है.
क्या है शहबाज शरीफ का राजनीतिक सफर ?
शहबाज शरीफ लगभग 42 साल पाकिस्तान की राजनीति में सक्रिय हैं. वर्ष 1980 के दशक के मध्य में शहबाज शरीफ ने अपने बड़े भाई नवाज के साथ अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत की थी. 70 वर्षीय शहबाज पाकिस्तान के सबसे ज्यादा आबादी वाले और राजनीतिक रूप से अहम पंजाब प्रांत के तीन बार मुख्यमंत्री रहे हैं. यह पहली बार है जब उनकी पार्टी पीएमएल-एन (खासकर इसके सुप्रीमो नवाज़ शरीफ) ने प्रधानमंत्री पद के लिए उनके नाम पर अपनी सहमति व्यक्त की है. शहबाज 1988 में पंजाब विधानसभा के सदस्य बने. मुशर्रफ के तख्तापलट के बाद 2008 में दूसरी बार पंजाब के सीएम बने.
साल 1999 में जनरल परवेज मुशर्रफ ने तख्तापलट कर नवाज़ शरीफ को बर्खास्त कर दिया था. इसके बाद शहबाज अपने परिवार के साथ करीब आठ साल तक सऊदी अरब में निर्वासन में रहे और 2007 में पाकिस्तान लौटे. वे 2008 में दूसरी और 2013 में तीसरी बार पंजाब के मुख्यमंत्री बने. शहबाज ने दावा किया है कि सैन्य तानाशाह जनरल परवेज मुशर्रफ ने उन्हें प्रधानमंत्री पद की पेशकश की थी. उन्होंने शर्त रखी थी कि वह अपने बड़े भाई नवाज को छोड़ दें, लेकिन उन्होंने इसके लिए साफ इनकार कर दिया था. पनामा पेपर्स मामले में 2017 में प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को पद से अयोग्य घोषित किए जाने के बाद शहबाज शरीफ को पीएमएल-एन का अध्यक्ष नियुक्त किया गया. इसके बाद 2018 के चुनावों के बाद वह नेशनल असेंबली में विपक्ष के नेता बने.
विवादों में शहबाज़ का नाम आता रहा है, आगे राह कठिन है
सितंबर 2020 में शहबाज़ को भ्रष्टाचार विरोधी निकाय (राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो) ने मनी लॉन्ड्रिंग और आय से अधिक संपत्ति के आरोप में गिरफ्तार कर लिया था. हालांकि ये आरोप इमरान खान की सरकार ने उन पर लगाए थे. शहबाज ने आरोपों से इनकार किया और वह कई महीनों तक जेल में रहे और बाद में उन्हें जमानत मिली. मनी लॉन्ड्रिंग मामले का सामना कर रहे शहबाज शरीफ फिलहाल, शहबाज शरीफ ब्रिटेन में पाकिस्तान की संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) द्वारा उनके खिलाफ लाए गए 14 अरब पाकिस्तानी रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग मामले का सामना कर रहे हैं और वह इस मामले में भी जमानत पर हैं.
इधर नवाज शरीफ अपनी बेटी मरियम को पाकिस्तान का पीएम बनाना चाहते हैं, लेकिन उन्हें एवेनफील्ड भ्रष्टाचार मामले में दोषी ठहराया गया है. इस वजह से नवाज के पास शहबाज को अपनी पार्टी से शीर्ष कार्यकारी पद के लिए नामित करने के अलावा कोई विकल्प नहीं था. जब तीन बार के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने बर्खास्त कर दिया था, तो उन्होंने प्रधानमंत्री पद के शेष 10 महीने के कार्यकाल के लिए अपने छोटे भाई शहबाज के बजाय पार्टी के नेता शाहिद खाकान अब्बासी को तरजीह दी थी. ऐसे में शहबाज की राह कठिन है.