न्यूज़ डेस्क
दिल्ली : कोरोना संक्रमण में कमी दर्ज होते ही स्कूल-कॉलेज सहित दूसरे सभी शैक्षणिक संस्थानों को खोलने का सिलसिला शरू हुआ है. मध्य प्रदेश, बिहार व हिमाचल प्रदेश सहित कई राज्यों ने नौवीं से 12वीं तक के स्कूलों को अपनी सहूलियत के आधार पर खोल दिए हैं. हालांकि दिल्ली, उत्तर प्रदेश सहित कई राज्य अभी इसको लेकर असमंजस में हैं. केंद्र ने राज्यों के असमंजस को खत्म करने को लेकर रुचि दिखाई है. साथ ही संकेत दिया है कि राज्यों के साथ चर्चा करके जल्द ही इसका समाधान निकाला जाएगा. जरूरत पड़ी तो स्टैंडर्ड गाइडलाइन भी जारी की जाएगी. फिलहाल अभिभावकों और छात्रों की ओर से इस पर उठाए जा रहे सवालों को देखते हुए शिक्षा मंत्रालय ने सभी राज्यों के साथ इस पर चर्चा करने का फैसला लिया है.
अगले हफ्ते राज्यों के साथ इस पर चर्चा की संभावना
सूत्रों के अनुसार अगले हफ्ते राज्यों के साथ इस मसले पर चर्चा हो सकती है. इस चर्चा में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान भी मौजूद रह सकते हैं. शैक्षणिक संस्थानों के बंद होने को लेकर सवाल इसलिए भी उठाए जा रहे हैं, क्योंकि कोरोना संक्रमण में कमी के बाद बाजार, मॉल, क्लब, सिनेमा आदि पहले जैसी सामान्य स्थिति में बहाल कर दिए गए हैं. ट्रेनों और बसों में भी सामान्य आवाजाही शुरू हो गई है. सीबीएसई के भी 12वीं का रिजल्ट आने के बाद से उच्च शिक्षण संस्थानों में दाखिला शुरू होने वाला है. आने वाले दिनों में नीट जैसे बड़ी प्रतियोगी परीक्षा भी होने वाली है. ऐसे में शैक्षणिक संस्थानों को बंद रखा गया तो समस्याएं और बढ़ सकती हैं.
शिक्षकों और शैक्षणिक कर्मचारियों की वैक्सीनेशन सुनिश्चित की जाएगी
शिक्षा मंत्रालय ने सभी राज्यों से शिक्षकों और शैक्षणिक संस्थानों में काम करने वाले कर्मचारियों के वैक्सीनेशन की भी रिपोर्ट मांगी है. साथ ही सीबीएसई और यूजीसी को भी निर्देश दिए हैं कि वे स्कूलों और उच्च शिक्षण संस्थानों में अब तक हुए वैक्सीनेशन की पूरी जानकारी जुटाएं और यह सुनिश्चित करें कि शिक्षण संस्थानों से जुड़े सभी कर्मचारी वैक्सीन की डोज लगवा लें. माना जा रहा है कि इस रिपोर्ट के बाद मंत्रालय निर्णय लेने की स्थिति में होगा.
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