दिल्ली : वरिष्ठ संवाददाता
प्रधानमंत्री मोदी की अगुवाई में आज जम्मू-कश्मीर को लेकर कश्मीरी नेताओं के साथ बैठक हो रही है. इस बैठक में 8 राजनीतिक दलों के 14 नेता शामिल होंगे. इस बीच जम्मू-कश्मीर और एलओसी पर 48 घंटे का अलर्ट जारी किया गया है. सूत्रों के मुताबिक जम्मू कश्मीर को पुनः राज्य का दर्जा बहाल करने को लेकर फिलहाल किसी तरह की चर्चा का प्रस्ताव नहीं है. इस बैठक में शामिल होने के लिए चार पूर्व मुख्यमंत्रियों सहित 14 नेताओं को न्योता भेजा गया था. इनमें से ज्यादातर बुधवार की शाम तक दिल्ली पहुंच गए. इस बैठक के लिए कोई एजेंडा तय नहीं किया गया है और जम्मू कश्मीर के नेताओं ने कहा कि वे खुले मन से इसमें शामिल होंगे.
अनुच्छेद 370 को लेकर अब कोई भी बदलाव मुमकिन नहीं है. यह जम्मू-कश्मीर के नेताओं को पता है, लेकिन जमीन और डेमोग्राफी में बदलाव जैसी उनकी चिंताओं का केंद्र समाधान कर सकता है. इसके अलावा गुपकार के नेता पूर्ण राज्य की मांग कर सकते हैं. केंद्र इस पर अपनी तरफ से पहले ही आश्वासन दे चुका है. ये कब होगा अभी निश्चित नहीं है. आपको बता दें कि आखिरी बार 5 अगस्त 2019 के बाद से दिल्ली और कश्मीर के नेताओं के बीच बातचीत का हुई थी.
आज प्रधानमंत्री की बैठक में शामिल होने वाले प्रमुख नेता हैं- नेशनल कांफ्रेंस के फारुख अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला, कांग्रेस के गुलाम नबी आजाद, गुलाम अहमद मीर, ताराचंद, पीडीपी की महबूबा मुफ़्ती, बीजेपी के निर्मल सिंह, कविन्द्र गुप्ता और रविन्द्र रैना, पीपुल कांफ्रेंस के मुजफ्फर बेग और सज्जाद लोन, पैंथर्स पार्टी के भीम सिंह, सीपीआईएम के एमवाई तारीगामी और जेके अपनी पार्टी के अल्ताफ बुखारी.
सरकार की तरफ से बैठक में प्रमुख लोग हैं- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, जम्मू कश्मीर के एलजी मनोज सिन्हा, एनएसए अजित डोवाल, पीएम के प्रिंसिपल सेक्रेटरी पीके मिश्रा, गृहसचिव अजय भल्ला और अन्य उच्च अधिकारी.
प्रधानमंत्री आवास पर दिन में 3 बजे बुलाई गई बैठक का फिलहाल एजेंडा गुप्त रखा गया है, लेकिन माना जा रहा है कि जम्मू-कश्मीर के विकास समेत परिसीमन व अन्य मुद्दों पर सरकार स्थानीय प्रतिनिधियों के साथ चर्चा करेगी. इस बैठक के साथ ही डीलिमिटेशन की प्रक्रिया की आरंभ माना जाएगा. ये एक तरह से जम्मू कश्मीर में लोकतांत्रिक प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए वाइड कंसल्टेशन का आरंभ है. हालांकि डीलिमिटेशन की प्रक्रिया थोड़ी लंबी हो सकती है, लेकिन डीलिमिटेशन के बाद नया वोटर लिस्ट तैयार करने और उसमें करेक्शन के बाद ही जम्मू कश्मीर में चुनावी प्रक्रिया आरंभ हो सकता है.
पीएम मोदी के साथ जम्मू-कश्मीर के नेताओं की बैठक से पहले राज्य में 48 घंटे का अलर्ट जारी किया गया है. सूत्रों के मुताबिक, हाई स्पीड इंटरनेट सेवाएं बंद रखी जा सकती हैं. सर्वदलीय बैठक में आमंत्रित किए गए चार पूर्व मुख्यमंत्रियों सहित 14 नेताओं में से अधिकतर बुधवार को ही दिल्ली पहुंच चुके हैं.