कोरोना वायरस : भारत में ठंड के मौसम में संक्रमण कितना फैलेगा ?

डॉ. निशा सिंह

कोरोना वायरस का खतरा हर दिन एक अपना ही रिकॉर्ड तोड़ रहा है. कोरोना संक्रमण को लगभग एक साल होने वाले हैं. विश्व का हर देश इस बीमारी से निपटने में अपने को असमर्थ पा रहा है. कोरोना के दौर में गर्मी और बारिश का मौसम तो गुजर गया लेकिन ठंडे के दिनों में आखिर लोग इतनी सफाई कैसे कर पायेंगे, इसको लेकर बहस छिड़ गयी है. कुछ लोग तो यह भी मान रहे थे कि ठंड से कोरोना वायरस अपने आप ही मर जाएगा. हालांकि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने साफ कर दिया है कि ठंड और कोरोना वायरस के बीच कोई संबंध है, क्यो कोरोना वायरस पर तापमान कोई खास असर नहीं होता है.

आंकड़े तो यही कहते हैं कि सर्दियों के मौसम में वायरस जनित सांस की बीमारियां और भी बढ़ जाती है. दुनिया भर में ठंड के मौसम में फ्लू वायरस से सबसे ज्यादा मौत होती है. एक्सपर्ट भी कहते हैं कि ठंड के मौसम में मौसमी वायरस ज्यादा सक्रिय हो जाते हैं. भारत सहित दुनियां के भागों में मॉनसून और सर्दियों के मौसम में इन्फ्लुएंजा फ्लू फैलता है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रोफेसर इयान का कहना है कि भारत जैसी जगह में इन्फ्लुएंजा के कई मौसम हैं. यहां ठंड से अधिक मॉनसून के मौसम में बीमारियां पीक पर होती हैं. पश्चिमी देशों में ठंड बहुत अधिक पड़ती है, जिससे लोग घरों में ही रहते हैं. ऐसे में घर में अगर एक बार वायरस घुस गया तो एक साथ रहने वाले सभी लोगों के संक्रमित हो जाते हैं, लेकिन भारत में लोग हमेशा घर के अंदर नहीं रहते हैं, वो धूप की तालाश में बाहर आते हैं जिससे घर में वेंटिलेशन बेहतर रहता है. यानि यहां कोरोना का खतरा सर्दी के कारण तो नहीं बढेगा, लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करने पर यह भयानक रुप ले सकती है.

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