Donations : बीजेपी को 2023-24 में 3,967.14 करोड़ रुपये और कांग्रेस को 1,129.66 करोड़ रुपये चंदा मिला

BJP and Congress received donations in 2023-24

दिल्ली : विशेष संवाददाता

केंद्र की सत्ताधारी पार्टी भाजपा को 2023-24 में 3,967.14 करोड़ रुपये चंदा मिला. इसमें इलेक्टोरल बॉन्ड का हिस्सा 43% रहा. कांग्रेस को 1,129.66 करोड़ रुपये चंदा मिला, जिसमें 73% इलेक्टोरल बॉन्ड से आया. आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव 2024 से पहले बीजेपी को मिलने वाले चंदे में पिछले साल की तुलना में 87 फीसदी का इजाफा हुआ है. भाजपा को इस दौरान कुल 3,967.14 करोड़ रुपये चंदे के रूप में मिले. वहीं, पार्टी के कुल चंदे में इलेक्टोरल बॉन्ड की हिस्सेदारी घटकर आधे से भी कम रह गई है. यह जानकारी बीजेपी की साल 2023-24 की ऑडिट रिपोर्ट से सामने आई है.

चुनाव आयोग की ओर से जारी सालाना रिपोर्ट के मुताबिक बीजेपी को 2022-23 में जहां 2,120.06 करोड़ रुपये का चंदा मिला था. वहीं, 2023-24 में यह बढ़कर 3,967.14 करोड़ रुपये हो गया. रिपोर्ट के मुताबिक, बीजेपी को इलेक्टोरल बॉन्ड के रूप में 1,685.62 करोड़ रुपये मिले हैं, जो उसके कुल चंदे का 43% है. साल 2022-23 में पार्टी को इलेक्टोरल बॉन्ड के रूप में 1294.14 करोड़ रुपये मिले थे, जो कुल चंदे का 61% था. यहां बताना जरूरी है कि पिछले साल फरवरी में सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्टोरल बॉन्ड योजना को असंवैधानिक करार देते हुए रद्द कर दिया था. लोकसभा चुनाव वाला साल (2024) होने के चलते उम्मीद के मुताबिक चुनाव/सामान्य प्रचार पर बीजेपी का खर्च पिछले साल के 1,092.15 करोड़ रुपये से बढ़कर 1,754.06 करोड़ रुपये हो गया. रिपोर्ट की मानें तो 591.39 करोड़ रुपये विज्ञापन और प्रचार पर खर्च किए गए.

बीजेपी के बाद दूसरे नंबर पर कांग्रेस ही रही

चंदे के मामले में बीजेपी के बाद दूसरे नंबर पर कांग्रेस ही रही. चुनावी साल में चंदे में उसमें अधिक बढ़ोतरी देखने को मिली. कांग्रेस की सालाना रिपोर्ट से पता चला है कि पार्टी को मिलने वाले डोनेशन में 2022-23 के 268.62 करोड़ रुपये से 320% की बढ़ोतरी हुई है. इसका मतलब है कि साल 2023-24 में कांग्रेस पार्टी को 1,129.66 करोड़ रुपये मिले हैं. कांग्रेस पार्टी को मिले कुल चंदे में 73% हिस्सा यानी 828.36 करोड़ रुपये इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए मिले हैं. 2022-23 में यह आंकड़ा 171.02 करोड़ रुपये था. कांग्रेस का चुनावी खर्च पिछले साल के 192.55 करोड़ रुपये से बढ़कर 619.67 करोड़ रुपये हो गया.

लोकसभा चुनाव से ठीक पहले सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्टोरल बॉन्ड योजना को रद्द कर दिया था. 2023-24 आखिरी वित्तीय वर्ष था, जब पार्टियां गुप्त चंदे का लाभ उठा सकती थीं. इस योजना का सबसे अधिक फायदा बीजेपी को हुआ. अप्रैल 2019 से लेकर इस योजना को रद्द किए जाने तक बेचे गए कुल इलेक्टोरल बॉन्ड (6,060 करोड़ रुपये) का लगभग आधा हिस्सा बीजेपी को मिला. इसके बाद टीएमसी यानी तृणमूल कांग्रेस (1,609.53 करोड़ रुपये) और कांग्रेस (1,421.87 करोड़ रुपये) का नंबर रहा.

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