पटना : उमेश नारायण मिश्रा
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में अक्टूबर -नवम्बर महीने में होंगे। इसको लेकर अब बिहार की राजनीति धीरे धीरे अब गर्म होने लगी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी 2025 में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव के लिए अभी से तैयारियों में जुट गए हैं। नीतीश कुमार आगामी 15 दिसंबर से महिला संवाद यात्रा शुरू करने जा रहे है।
इस यात्रा का मकसद क्या हो सकता है इसको लेकर विपक्ष अपने स्तर से आंकलन कर रही है। साल के अंत ने यानि इसी महीने 15 दिसंबर से शुरू होने वाली नीतीश कुमार की इस यात्रा को ‘महिला संवाद यात्रा’ शुरू होने वाली है, जिसका मुख्य उद्देश्य महिलाओं को अपने पक्ष में करना है। आपको बता दें कि बिहार में महिला वोटरों की अहम भूमिका होती है। हाल के महाराष्ट्र और झारखंड चुनावों में महिलाओं ने भाजपा गठबंधन और हेमंत सोरेन की पार्टी को जीत दिलाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। इसी कारण नीतीश कुमार भी महिलाओं को अपने पक्ष में लाने की कोशिश कर रहे हैं।
नीतीश की महिला संवाद यात्रा पर क्या सोचती है राजद
नीतीश कुमार की इस यात्रा पर राजद का स्टैंड भी सामने आया है। राजद का मानना है जब भी नीतीश कुमार कमजोर होते हैं टी कोई न कोई यात्रा पर निकल जाते हैं। ये यात्रा सरकारी पैसे से होती है जो कि गलत है। राजद प्रवक्ता मृतुंजय तिवारी ने कहा कि झारखंड का चुनाव परिणाम बता रहा है कि बिहार में भी 2025 क चुनाव में एनडीए की सरकार जा रही है। मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि अब नीतीश कुमार यात्रा से कोई फायदा नहीं मिलने वाला है। अब तो चुनावी वर्ष है। उन्होंने पिछले 20 वर्षों में जो यात्रा की जिसमें उन्होंने जनता की गाढ़ी कमाई को लुटाया है। अब यह इस सरकार की अंतिम यात्रा है।
महिला वोटर्स बनीं किंगमेकर
बिहार में महिलाएं हमेशा से नीतीश कुमार के समर्थन में रही हैं. और इसके पीछे कई प्लान का योगदान है, जैसे स्कूल जाने वाली लड़कियों को मुफ्त साइकिल देने की योजना या स्नातक करने वाली बालिकाओं को 50 हजार रुपये की मदद देने की योजना। इन योजनाओं का नीतीश कुमार को काफी लाभ हुआ है। ऐसे में नीतीश की इस यात्रा में महिलाओं से संवाद बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
जानिए नीतीश कुमार ने अभी तक कितनी यात्राएं की
सबसे पहले अक्टूबर 2005 में नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री की कुर्सी में बैठने का मौका मिला. तब से लेकर आजतक नीतीश कुमार ही सीएम हैं. वह इतने लंबे समय से सत्ता में हैं. वह समय-समय पर कोई ना कोई यात्रा निकालते हैं और जनता के बीच जाकर जनसमर्थन हासिल करते हैं.नीतीश कुमार ने 12 जुलाई 2005 को न्याय यात्रा शुरू की थी. लोकसभा चुनाव से पहले नीतीश कुमार ने 9 जनवरी 2009 को विकास यात्रा निकाली.
लोकसभा चुनाव में शानदार जीत हासिल करने के बाद 17 जून 2009 से धन्यवाद यात्रा शुरू की. इस साल 25 दिसंबर 2009 को प्रवास यात्रा निकाली, इसके जरिए जनता को अपने 4 साल का हिसाब-किताब दिया. 2010 के विधानसभा चुनाव में जाने से पहले 28 अप्रैल 2010 से विश्वास यात्रा निकाली. विधानसभा चुनाव में प्रचंड जीत हासिल करने के बाद 2011 के अंत में सेवा यात्रा निकाली। 19 सितंबर 2012 से बिहार को विशेष राज्य की दर्जा की मांग को लेकर अधिकार यात्रा पर निकले थे। 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले संकल्प यात्रा की शुरुआत की. हालांकि, चुनाव में जेडीयू शर्मनाक प्रदर्शन रहा.
13 नवंबर 2014 से संपर्क यात्रा की शुरुआत की. यह 2015 के विधानसभा चुनाव की तैयारी थी. 2015 में सरकार बनाने के बाद नीतीश कुमार ने 7 निश्चय को लागू किया, इसी का फीडबैक लेने के लिए वे 9 नवंबर 2016 से निश्चय यात्रा पर निकले. 7 दिसंबर 2017 से समीक्षा यात्रा शुरू की, इसमें विकास कार्यों की समीक्षा करनी थी।03 दिसंबर 2019 को जल-जीवन-हरियाली यात्रा निकाली. 22 दिसंबर 2021 को नीतीश समाज सुधार यात्रा पर निकले. इसके बाद स्वास्थ्य गड़बड़ रहने लगा. इस लोकसभा चुनाव से पहले 28 जनवरी 2023 से समाधान यात्रा पर निकले थे।
