न्यूज़ डेस्क :
378 दिनों के लंबे आंदोलन के बाद किसान अब दिल्ली बॉर्डर को खाली कर देंगे. केन्द्र सरकार की तरफ से मिले प्रस्ताव सहमति बनने के बाद किसान संगठनों की तरफ से आज यानी गुरुवार को आंदोलन स्थगित कर दिया गया. संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में चर्चा के बाद इस फैसले का ऐलान किया गया है. अब 11 दिसंबर को किसान अपने घर लौट जाएंगे. किसान नेता बलवीर सिंह राजेवाल ने कहा कि आंदोलन खत्म नहीं हुआ स्थगित हुआ है. मोर्चे खत्म हो रहे हैं. संयुक्त किसान मोर्चा बरकरार रहेगा. हर महीने 15 तारीख को बैठक होगी. किसानों के मुद्दे पर आंदोलन जारी रहेगा. फिलहाल 11 दिसम्बर से किसानों की घर वापसी होगी.
किसान नेता हन्नान मोल्लाह ने कहा कि देश में आजादी के बाद का यह सबसे बड़ा आंदोलन है, जो शांतिपूर्ण रहा. किसान मोर्चा ने कहा कि 15 जनवरी को फिर बैठक बुलाई गई है. संयुक्त किसान मोर्चा ने इसे बड़ी जीत बताते हुए कहा कि अगर सरकार ने अपने वादे पूरे नहीं किए तो फिर से आंदोलन होगा.
गौरतलब है कि सरकार के प्रस्ताव पर मंगलवार को संयुक्त किसान मोर्चा की असहमतियों के बाद बुधवार को केंद्र सरकार ने नया प्रस्ताव भेजा था. आंदोलन खत्म करवाने के दबाव के तहत केंद्र सरकार ने नए मसौदे में प्रदर्शनकारियों पर से तत्काल केस वापसी के साथ ही न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) कमिटी पर सरकार ने साफ किया कि यह कमिटी तय करेगी कि सभी किसानों को एमएसपी मिलना किस तरह सुनिश्चित किया जाए. मुआवजे को लेकर सहमति जताते हुए बिजली बिल को लेकर कहा गया कि संसद में लाने से पहले संयुक्त किसान मोर्चा के साथ इसपर चर्चा की जाएगी.
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