कार्यालय संवाददाता
बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए से अलग होकर चुनाव लड़ रहे चिराग पासवान ने बीजेपी के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं. बीजेपी बिहार से लेकर दिल्ली तक सफाई दे रही है कि चिराग पासवान और उनकी पार्टी का राज्य विधानसभा चुनाव में कोई लेना-देना नहीं है. अब तो बीजेपी का राज्य और केंद्रीय नेतृत्व भी चिराग पासवान पर निजी स्वार्थ में झूठ बोलने का इल्जाम लगा रहे हैं.
केंद्र में एनडीए का सहयोगी रहते हुए बिहार में एनडीए के घटकदल जेडी(यू) को हराने के लिए आमदा लोजपा ने अब बीजेपी की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. चिराग पासवान लगातार कह रहे हैं, चुनाव के बाद बीजेपी और एलजेपी की सरकार बनेगी. जबकि अभी राज्य में बीजेपी जेडीयू के साथ चुनाव लड़ रही है. अब बीजेपी के नेता बिहार से लेकर दिल्ली तक सफाई दे रहे हैं कि एलजेपी से बिहार विधानसभा चुनाव में पार्टी का कोई लेना -देना नहीं है.
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने सफाई दी कि चिराग पासवान भ्रम की राजनीति कर रहे हैं, बीजेपी नेताओं का नाम लेकर वो भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहे हैं. हालांकि बीजेपी कोई बी, या सी क्लास की पार्टी नहीं है, यहां सिर्फ एक ही गठबंधन है, जो मिलकर चुनाव लड़ रहा है. इस चुनाव में चिराग की पार्टी वोट कटवा पार्टी बन कर रह जाएगी.
बीजेपी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि एलजेपी अपना अस्तित्व बचाने के लिए झूठ का सहारा ले रही है, जो निंदनीय है. वोट कटवा पार्टी का कोई अस्तित्व नहीं है.
दरअसल एलजेपी संस्थापक रामविलास पासवान मृत्यु तक केंद्र में मंत्री थे और लोजपा एनडीए के घटक दल था. बिहार में जेडीयू की खिलाफत करने के बावजूद बीजेपी फिलहाल एलजेपी को एनडीए से बाहर का रास्ता नहीं दिखा सकती, इसका चुनाव में प्रतिकूल असर पड़ने का खतरा है. वहीं, बिहार में जिस तरह से एलजेपी ने जेडीयू के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है, उससे वोटरों में कन्फ्यूजन की स्थिति है.
बीजेपी के बिहार प्रभारी भूपेंद्र यादव को भी आज ट्विट कर सफाई देनी पड़ी है. भूपेंद्र यादव ने लिखा कि चिराग पासवान द्वारा एनडीए और नीतीश जी पर दिए बयान अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण हैं. इसी गठबंधन में रहकर वो सांसद बने, फरवरी में दिल्ली में वो बिहार सरकार की तारीफों के पुल बांध रहे थे, अचानक छह महीने में क्या हो गया, अब निजी स्वार्थ की राजनीति कर रहे हैं.