Women’s Reservation Bill 2023 : संसद के दोनों सदनों से पास, पीएम मोदी ने देशवासियों को दी बधाई

Women's Reservation Bill Pass in Rajyasabha

Women’s Reservation Bill: राज्यसभा से भी महिला आरक्षण बिल पास हो गया. लोकसभा से यह पहले ही पास हो चुका है. संसद के दोनों सदनों से बिल के पास होने पर पीएम मोदी बोले- ये बिल नारी शक्ति को नई ऊर्जा देगा.

Parliament Special Session 2023 : नए संसद भवन में संसद के विशेष सत्र की पहली कार्यवाही में लोकसभा में मंगलवार को ‘नारी शक्ति वंदन विधेयक’ पेश किया. बुधवार को ये निचले सदन से पास हो गया, जहां यह दो-तिहाई बहुमत से पास हो गया और आज यानी गुरुवार को राज्यसभा में भी महिला आरक्षण बिल सर्वसम्मति से पास हो गया. आपको बता दें कि महिला आरक्षण पारित कराने के लिए पिछले 27 साल में मौजूदा सरकार समेत 4 सरकारों की ये 11वीं कोशिश है.

संसद के विशेष सत्र में राज्यसभा (Women’s Reservation Bill Pass in Rajyasabha) में महिला आरक्षण बिल (नारी शक्ति वंदन विधेयक) चर्चा के बाद पास हो गया. इस बिल के समर्थन 215 सांसदों ने वोट किए, जबकि इसके विरोध में किसी ने वोट नहीं किया. लोकसभा में यह महिला आरक्षण बिल दो-तिहाई बहुमत से पहले ही पास हो गया था. राज्यसभा में महिला आरक्षण बिल पर ऑटोमेटेड मल्टीमीडिया डिवाइस से वोटिंग हुई. कुछ सांसदों का वोट रिकॉर्ड नहीं होने पर उन्होंने पर्चियों से वोटिंग की, जबकि लोकसभा में पर्चियों से वोटिंग कराई गई थी.

संसद से पास होने के बाद बिल का क्या होगा ?

संसद के दोनों सदनों से महिला आरक्षण बिल पास होने के बाद इसे अब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के पास साइन के लिए भेजा जाएगा. राष्ट्रपति की स्वीकृति मिलने के बाद महिला आरक्षण बिल कानून बन जाएगा. महिला आरक्षण बिल के मुताबिक लोकसभा और राज्यों की विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33% रिजर्वेशन अगले 15 सालों के लिए लागू किया जाएगा. लोकसभा की 543 सीटों में से 181 महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी. 15 सालों के बाद संसद चाहे तो इसकी अवधि बढ़ा सकती है. यह आरक्षण सीधे चुने जाने वाले जनप्रतिनिधियों के लिए लागू होगा यानी यह राज्यसभा और राज्यों की विधान परिषदों पर लागू नहीं होगा.

हालांकि महिला आरक्षण बिल के संसद से पास होने और राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद भी इसे लागू होने में लंबा समय लगेगा. गृहमंत्री अमित शाह के मुताबिक इसे 2029 के लोकसभा चुनाव से पहले लागू किया जा सकता है, क्योंकि आरक्षण को अमली जामा पहनाने के लिए लंबी संवैधानिक प्रक्रिया है. संसद से पास होने और राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद ये कानून बन जाएगा, लेकिन सरकार पहले जनगणना का काम शुरू करेगी, जो लोकसभा चुनावों के बाद होग, उसके बाद परिसीमन आयोग लोकसभा और विधानसभा परिसीमन का काम पूरा करेगा. इसके बाद ही महिला आरक्षण कानून लागू किया जाएगा. इस तरह से जनगणना और परिसीमन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद महिला आरक्षण को लागू किया जाएगा.

तीन दशक से लटका था महिला आरक्षण बिल

आपको बता दें कि संसद में महिलाओं के आरक्षण का प्रस्ताव 3 दशक से अटका हुआ था. पहली बार 1974 में महिलाओं की स्थिति का आकलन करने वाली समिति ने इस मुद्दे को उठाया था. इसके बाद 2010 में मनमोहन सरकार ने राज्यसभा में महिलाओं के लिए 33% आरक्षण बिल को बहुमत से पारित करा लिया था, लेकिन तब सपा और आरजेडी ने महिला आरक्षण बिल का विरोध किया था. दोनों पार्टियों ने तत्कालीन UPA सरकार से समर्थन वापस लेने की धमकी दे दी थी, जिसके बाद बिल को लोकसभा में पेश नहीं किया गया.

पीएम मोदी ने कहा- ये बिल देश की नारी शक्ति को नई ऊर्जा देगा

गुरुवार को राज्यसभा में महिला आरक्षण बिल पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चर्चा का जवाब दिया. प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने बिल पर सार्थक चर्चा की है, भविष्य में इस चर्चा का एक एक शब्द काम आने वाला है. हर शब्द का अपना मूल्य है, महत्व है. नारी शक्ति को विशेष सम्मान सिर्फ विधेयक से नहीं मिल रहा है. इस विधेयक के प्रति सभी राजनीतिक दलों की सकारात्मक सोच होना, ये हमारे देश की नारी शक्ति को नई ऊर्जा देगा.

दिल्ली :डॉ. निशा सिंह

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