Parliament Special Session: महिला आरक्षण बिल लोकसभा में पारित हुआ, OBC महिला आरक्षण सहित दलों ने ये सवाल उठाये

Women Reservation Bill: नए संसद भवन में लोकसभा में महिला आरक्षण बिल पारित हो गया. बिल के समर्थन में 454 वोट पड़े जबकि इसके विरोध में केवल 2 वोट पड़े. इससे पहले लोकसभा में बुधवार, 20 सितंबर को इस पर चर्चा हुई.

मोदी सरकार ने संसद के निचले सदन, राज्य विधानसभाओं और दिल्ली विधानसभा में महिलाओं को एक तिहाई आरक्षण प्रदान करने से संबंधित नारीशक्ति वंदन विधेयक को मंगलवार को लोकसभा में पेश किया था, जो आज बुधवार को चर्चा के बाद पारित हो गया. मोदी सरकार ने महिला आरक्षण बिल का नाम नारी शक्ति वंदन अधिनियम-2023 दिया है. विपक्षी गठबंधन इंडिया ने इस बिल का समर्थन किया, लेकिन बिल में मौजूद खामियों को दूर करने की बात कही है. लोकसभा में बिल पेश होने के बाद से ही तमाम पार्टियों की बयानबाजी भी शुरू हो गई है. कांग्रेस, सपा, बसपा सहित इंडिया गठबंधन के अन्य दलों की मांग ओबीसी महिलाओं के लिए सीटें आरक्षित करने की मांग की गई. सभी विपक्षी दलों ने सरकार की नीयत पर सवाल उठाते हुए बिल को लागू करने की तारीख घोषित करने की मांग की. कांग्रेस पार्टी इस बिल को अपना बता रही है तो अन्य दूसरी पार्टियां महिलाओं के हित में ओबीसी आरक्षण की मांग कर रही हैं. इतना ही नहीं दक्षिण के राज्य जिनकी आबादी कम बढ़ी है, वो अपने लिए अलग से मांग कर रही हैं. हालांकि सभी दल मांग कर रहे हैं कि अगर सरकार इस बिल को लागू करेगी तो इसकी तारीख घोषित करे. विपक्षी दलों की मांग है कि क्या सरकार जनगणना के बाद परिसीमन करेगी और तब इसे लागू करेगी या बिल के पारित होने के तुरंत बाद इसे लागू करेगी, इस पर अपनी स्थिति स्पष्ट करे.

लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीट के आरक्षण संबंधी बिल पर दक्षिण भारत के नेताओं की चिंता पर केंद्र सरकार ने संज्ञान लिया है. गृह मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक डेलिमिटेशन के बाद सीटों के विस्तार को लेकर दक्षिण राज्यों के नेताओं की चिंता जायज है. आबादी को कंट्रोल करने वाले राज्यों को सजा नहीं दी जा सकती, इसलिए लोकसभा सीटों को बढ़ाते समय राज्यों का प्रोडाटा फिक्स करना होगा, ताकि आबादी कंट्रोल करने वाले राज्यों को सजा न मिले. लोकसभा में गृहमंत्री अमित शाह ने साफ कर दिया कि 2024 चुनाव के बाद जनगणना होगी और उसके बाद परिसीमन कमीशन का गठन होगा. इस तरह से 2029 लोकसभा चुनाव से पहले महिला आरक्षण लागू होगा, इसके लिए जरूरी कानूनी प्रावधान किए जा रहे हैं.

महिला आरक्षण पर किसने क्या कहा ?

अमित शाह
लोकसभा में अमित शाह बोले यह युग बदलने वाला बिल है. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के लिए महिला सशक्तिकरण राजनीतिक मुद्दा नहीं, बल्कि समाज को बदलने वाला बिल है. अमित शाह ने राजनीतिक दलों के असमंजस को भी साफ कर दिया कि इसे तत्काल लागू किया जा रहा है, उन्होंने कहा कि पूरी प्रक्रिया 2029 तक होगी यानी यह कानून तभी लागू होगी.

सोनिया गांधी
संसद में सोनिया गांधी ने आज कहा कि यह बिल राजीव गांधी का सपना था, उन्होंने सबसे पहले इसे प्रस्तुत किया था. उन्होंने कहा कि मैं महिला आरक्षण बिल के समर्थन में खड़ी हूं. उन्होंने महिला आरक्षण कोटे में ओबीसी कोटा की मांग की और इसके साथ ही जातिगत जनगणना की मांग भी की.

निशिकांत दुबे
सोनिया गांधी के वक्तव्य पर जबाव देते हुए बीजेपी के निशिकांत दुबे ने कहा कि कांग्रेस ने अपने कार्यकाल में महिलाओं को आरक्षण क्यों नहीं दिया, जो गोल मारता है, क्रेडिट उसको ही मिलता है.

राहुल गांधी
लोकसभा में राहुल गांधी ने महिला आरक्षण बिल का सपोर्ट किया और इसे तत्काल लागू करने की मांग की. राहुल गांधी ने कहा कि OBC आरक्षण के बिना महिला आरक्षण बिल अधूरा है, केंद्र के 90 में से सिर्फ 3 सचिव OBC हैं, उन्होंने सवाल उठाया कि ऐसे में कैसे न्याय मिलेगा.

संजय सिंह
आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, “मोदी जी देश की महिलाओं को कब तक बेवक़ूफ़ बनाओगे? आपका एक भी वादा पूरा नहीं हुआ. ये महिला आरक्षण बिल तो अगले 20 साल में लागू नहीं होगा. जुमला फेंकना बंद करो. अगर नियत साफ़ है तो 2024 में महिला आरक्षण बिल लागू करो, वरना बिल वापस लो.

मायावती
महिला आरक्षण पर बसपा प्रमुख मायावती बोलीं कि महिला आरक्षण को तुरंत लागू करने का सरकार रास्ता निकाले. फिलहाल कई चुनाव तक ये आरक्षण नहीं मिल पाएगा.

नीतीश कुमार
जेडीयू पहले ही साफ कर चुकी है कि वह बिल में सरकार के साथ खड़ी है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहले ही कह चुके हैं कि बिहार महिला आरक्षण देने में अग्रणी रहा है. आज पार्टी के अध्यक्ष ललन सिंह ने भी कहा कि उनकी पार्टी बिल का समर्थन करती है.

डिंपल यादव
समाजवादी पार्टी ने भी बिल का समर्थन किया. लोकसभा में डिंपल यादव ने बोलते हुए कहा कि बिल में ओबीसी महिलाओं के लिए आरक्षण दिया जाए और सरकार साफ करे कि राज्यसभा, राज्य विधान परिषदों में यह आरक्षण दिया जाएगा या नहीं.

मल्लिकार्जुन खरगे
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि महिला आरक्षण विधेयक का हमने हमेशा से समर्थन किया है. साल 2010 में राज्यसभा में कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार ने महिला आरक्षण विधेयक पारित करवाया था. ओबीसी वर्ग की महिलाओं को भी इस विधयेक के जरिये सामान मौका मिलना चाहिए.

जयराम रमेश
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक्स पर लिखा कि चुनावी जुमलों के इस मौसम में ये सभी जुमलों में सबसे बड़ा है. करोड़ों भारतीय महिलाओं और युवतियों की उम्मीदों के साथ बहुत बड़ा धोखा है. मोदी सरकार ने अभी तक 2021 की दशकीय जनगणना नहीं कराई है, जिससे भारत जी-20 में एकमात्र देश बन गया है, जो जनगणना कराने में विफल रहा है.

फिलहाल महिला आरक्षण बिल कब लागू होगा, लागू होगा भी या नहीं, इसको लेकर दलों में असमंजस है. आप पार्टी का कहना है कि राज्य सभा में पारित बिल लैप्स नहीं हुआ है, उसे ही लोकसभा में पास कर देते, लेकिन इन्होंने जुमला बिल तैयार किया और कहा कि सेंसस होगा, परिसीमन होगा फिर लागू होगा. 2031 में जनगणना होगी और 2034 में लागू होगा, पता नहीं होगा भी या नहीं. हालांकि सूत्रों के अनुसार 2024 चुनाव के बाद जनगणना होगी और उसके बाद परिसीमन कमीशन का गठन होगा. इस तरह से 2029 लोकसभा चुनाव से पहले महिला आरक्षण लागू होगा, इसके लिए जरूरी कानूनी प्रावधान किए जा रहे हैं.

दिल्ली : डॉ. निशा सिंह

Jetline

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