न्यूज डेस्क :
दुनिया में जहां महिलाएं संसद में जाने और समान सीटों के लिए आंदोलन करती रहती हैं, वहीं एक ऐसा भी देश है, जहां संसद में पुरुषों से अधिक महिलाएं चुनी गई हैं. यह देश यूरोप में है और इस देश का नाम आइसलैंड है. यह यूरोप में ब्रिटेन के बाद दूसरा, व विश्व में अठारहवा सबसे बड़ा द्वीप है. इसकी राजधानी रेक्याविक है और देश की आधी जनसंख्या राजधानी में ही रहती है. यह बात भारत जैसे देश के लिए और भी खास हो जाती है, जहां महिलाओं के लिए संसद में 33 प्रतिशत सीटों के लिए कई बार विधेयक पेश किए गए, लेकिन आज तक कानून नहीं बन पाया, जिसका नतीजा है की आज भी संसद में गिनी-चुनी महिलाएं ही जा पाती हैं.
आइसलैंड की 63 सदस्यीय संसद में 33 महिलाएं हैं
आइसलैंड में रविवार को संसद में पुरूषों से अधिक महिलाएं चुनाव जीतकर पहुंची. मतगणना खत्म के बाद महिला उम्मीदवारों ने आइसलैंड की 63 सदस्यीय संसद ‘अल्थिंग’ में 33 सीटों पर सफलता हासिल की. प्रधानमंत्री कैटरीन जेकब्सडॉटिर के नेतृत्व वाली निवर्तमान गठबंधन सरकार में तीन दलों ने शनिवार को हुए मतदान में कुल 37 सीटें जीतीं. गठबंधन को पिछले चुनाव की तुलना में दो सीटें अधिक मिली है और इनके सत्ता में बने की उम्मीद है.
आइसलैंड की संसद में किस पार्टी ने कितनी सीटें जीती ?
जनमत सर्वेक्षण में वामपंथी दलों की जीत का संकेत दिया गया था, जिसमें 10 पार्टियों के बीच सीटों के लिए संघर्ष था, लेकिन मध्य दक्षिणपंथी ‘इंडिपेंडेंस पार्टी’ को सबसे ज्यादा मत मिले और उसने 16 सीटें जीती. इन 16 सीटों में 7 पर महिलाओं की जीत हुई. मध्यमार्गी ‘प्रोग्रेसिव पार्टी’ ने सबसे बड़ी बढ़त हासिल की और 13 सीटें जीतने में कामयाब रही. पिछली बार की तुलना में प्रोग्रेसिव पार्टी को पांच अधिक सीटें पर जीत मिली. बता दें कि चुनाव से पहले दोनों पार्टियों ने जेकब्सडॉटिर की वामपंथी ‘ग्रीन पार्टी’ के साथ गठबंधन सरकार का गठन किया था. जेकब्सडॉटिर की पार्टी ने कई सीटें गंवाईं, लेकिन 8 सीटें जीतने में कामयाब रही. तीनों सत्तारूढ़ दलों ने यह घोषणा नहीं की है कि वे एक और कार्यकाल के लिए क्या साथ काम करेंगे, लेकिन मतदाताओं के मजबूत समर्थन को देखते हुए ऐसा लगता है कि वे साथ आएंगे.
विश्व में महिला पुरुष लिंगानुपात क्या है ?
संयुक्त राष्ट्र संघ (UNO) के आंकड़ों की माने तो कतर में साल 2015 में सबसे खराब लिंगानुपात था, यहां 1,000 पुरुषों पर 300 से कुछ ही ज्यादा महिलाएं थीं. यानी तीन पुरुषों के लिए औसतन एक महिला, जिससे यहां तो कुछ मर्दों को छोड़कर बाकी सब कुंवारे ही रह जाते हैं. अपने देश भारत की बात करें तो यहां 1000 पुरुषों पर महिलाओं की संख्या 934 के आसपास है. अगर आईसलैंड की बात की जाए तो यहां लिंगानुपात में मामूली अंतर है. जून 2016 तक यहां की जनसंख्या 336,060 थी, जिसमें पुरुष : 169,540 और
महिला : 166,520 यानी महिलाओं की तुलना में लगभग 1.8% अधिक पुरुष है.
दुनिया में कुछ ऐसे भी देश हैं, जहां पुरुषों से अधिक महिलाएं हैं. ये देश हैं :
ग्वाडेलोप – महिला आबादी का प्रतिशत: 52.8%; प्रति पुरुष महिलाएं: 112.50.
हांगकांग – महिला आबादी का प्रतिशत: 53%; प्रति पुरुष महिलाएं: 113.59.
एस्टोनिया – महिला आबादी का प्रतिशत: 53%; प्रति पुरुष महिलाएं: 115.52.
बेलारूस – महिला आबादी का प्रतिशत: 53.5%; प्रति पुरुष महिलाएं: 115.69
रूस – महिला आबादी का प्रतिशत: 53.8%; प्रति पुरुष महिलाएं: 116.98
युक्रेन – महिला आबादी का प्रतिशत: 53.9%; प्रति पुरुष महिलाएं: 117.17
लिथुआनिया – महिला आबादी का प्रतिशत: 53.9%; प्रति पुरुष महिलाएं: 117.32
मार्टिनिक – महिला आबादी का प्रतिशत: 53%; प्रति पुरुष महिलाएं: 117.53
लातविया – महिला आबादी का प्रतिशत: 54.2%; प्रति पुरुष महिलाएं: 118.52
कुराकाओ – महिला आबादी का प्रतिशत: 54.6%; प्रति पुरुष महिलाएं: 121.80