न्यूज डेस्क
उत्तरप्रदेश के पांच शहरों में अब लॉक डाउन नहीं लगेगा. सुप्रीम कोर्ट ने कल के इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले पर आज रोक लगा दी है. दो हफ्तों के बाद फिर इस पर सुनवाई होगी. फिलहाल सुप्रीम कोर्ट ने एक सलाहकार नियुक्त किया है जो कोर्ट को इन शहरों की स्थिति पर अपनी रिपोर्ट देंगे. आज हुई सुनवाई में यूपी सरकार की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया की राज्य सरकार जरूरी कदम उठा रही है, लेकिन पूरा लॉक डाउन इसका हल नहीं है. लॉक डाउन से राज्य सरकार को एडमिनिस्ट्रेशन में दिक्कत आएगी.
योगी सरकार ने पूरे यूपी में वीकली कर्फ्यू का ऐलान किया
योगी सरकार ने इन पांच शहरों में ही नहीं, बल्कि पूरे #उत्तरप्रदेश में वीकली कर्फ्यू का ऐलान किया है, जो शुक्रवार रात 8 बजे से सोमवार सुबह 8 बजे तक लागू रहेगा. योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट कर कहा कि ”
प्रत्येक प्रदेशवासी के जीवन और जीविका की सुरक्षा के लिए हम प्रतिबद्ध हैं. #लॉकडाउन के कारण किसी के भी सामने आजीविका का संकट उत्पन्न न हो इसीलिए वर्तमान परिस्थितियों के आधार पर हमने ‘कोरोना कर्फ्यू’ को पूरी सख्ती से लागू करने का निर्णय लिया है. आप सभी का सहयोग अपेक्षित है. #कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण हेतु यूपी सरकार लगातार प्रभावी कदम उठा रही है. सभी जिलों में कोविड डेडिकेटेड अस्पतालों में बढ़ोत्तरी, आइसोलेशन व ICU बेड, ऑक्सीजन, वेंटिलेटर सहित सभी चिकित्सकीय जरूरतों की उपलब्धता के साथ ही अतिरिक्त चिकित्सकों/पैरा मेडिकल स्टाफ की भी तैनाती की जा रही है.”
सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार की इस दलील को सुनने के बाद हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी, लेकिन साथ ही कहा कि राज्य सरकार एक हलफनामे के जरिए हाई कोर्ट को बताए कि करोना से निपटने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट ने वकील पी एस नरसिम्हन को कोर्ट का सलाहकार नियुक्त किया, जो कोर्ट को इस बात रिपोर्ट देंगे कि राज्य सरकार के कदम काफी है या नहीं और इन पांच शहरों की क्या स्थिति है. रिपोर्ट आने के बाद सुप्रीम कोर्ट में दो हफ्ते बाद फिर सुनवाई होगी.
क्या था इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कल सोमवार को उत्तर प्रदेश के पांच सबसे अधिक कोरोना प्रभावित शहरों में 15 दिनों के लिए यानी 26 अप्रैल तक कंप्लीट लॉक डाउन का आदेश दिया था. यूपी के ये शहर हैं – लखनऊ, प्रयागराज, गोरखपुर, कानपुर और वाराणसी. यूपी में लगातार कोरोना का आंकड़ा बढ़ रहा है. पिछले 24 घंटों में 28,287 कोरोना के नए केस आने के बाद कोर्ट ने यह फैसला जनहित में लिया था. वित्तीय संस्थानों और वित्तीय विभागों, चिकित्सा और स्वास्थ्य सेवाओं, मेडिकल दुकानें, औद्योगिक और वैज्ञानिक प्रतिष्ठानों, नगर निगम के कार्यों और सार्वजनिक परिवहन सहित आवश्यक सेवाओं को छोड़कर सभी कुछ बंद करने का आदेश हाईकोर्ट ने दिया था.