दिल्ली : वरिष्ठ संवाददाता
राजधानी दिल्ली में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच वीकेंड कर्फ्यू लगाने का फैसला किया है, यानी शनिवार और रविवार को लोगों को घरों में रहना होगा. इस दौरान गैर-जरूरी कामों के लिए घर से बाहर निकलने पर रोक होगी. इसके अलावा निजी दफ्तरों में अधिकतम 50 फीसदी कर्मचारियों की ही उपस्थिति रहेगी. दिल्ली में ओमिक्रॉन वेरिएंट के तेजी से बढ़ते केसों के मद्देनजर मंगलवार को दिल्ली-डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (DDMA) की बैठक में ये फैसले किए गए.
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी जानकारी देते हुए कहा कि वीकेंड कर्फ्यू के दौरान केवल आवश्यक कार्यों की अनुमति होगी, यानी गैर-जरूरी आवाजाही पर पूरी तरह से रोक रहेगी. आवश्यक सेवाओं के अलावा अन्य सभी सरकारी दफ्तरों को ‘वर्क फ्रॉम होम’ लागू करने को कहा गया है तो निजी दफ्तरों में अधिकतम 50 फीसदी उपस्थिति की सीमा लागू रहेगी.
बस-मेट्रो 100 फीसदी क्षमता के साथ चलेंगी
लोगों की परेशानी को देखते हुए इस दौरान दिल्ली सरकार ने बस और मेट्रो को 100 फीसदी क्षमता के साथ परिचालन की अनुमति दी है. हालांकि, सफर करते समय सभी के लिए मास्क पहनना अनिवार्य है. मेट्रो स्टेशनों के बाहर और बस स्टॉप पर लगने वाली भीड़ को कंट्रोल करने के लिए यह फैसला लिया गया है.
राजधानी में तेजी से बढ़ रहे हैं कोरोना केस
स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली में सोमवार को कोरोना के 4,099 केस सामने आए थे और पॉजिटिविटी रेट बढ़कर 6.46 फीसदी हो गई. दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा था कि 30 और 31 दिसंबर को दिल्ली में जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए भेजे गए थे, जिसमें 85 फीसदी सैंपल में ओमिक्रॉन वेरिएंट पाया गया. बता दें कि राजधानी में नए केसों की संख्या और पॉजिटिविटी रेट 18 मई के बाद सर्वाधिक है. डीडीएमए के ग्रेडेट एक्शन प्लान के तहत लगातार दो दिनों तक पॉजिटिविटी रेट 5 फीसदी से अधिक रहने पर रेड अलर्ट घोषित किया जाता है. रेड अलर्ट का मतलब है ‘टोटल कर्फ्यू’ और अधिकतर आर्थिक गतिविधियों पर रोक लगना. दिल्ली सरकार के मुताबिक, फिलहाल अस्पतालों में सिर्फ 420 मरीज हैं, जबकि यहां 9,029 बेड कोरोना मरीजों के लिए तैयार है. इनमें से 124 मरीजों को ऑक्सीजन की जरूरत है तो 7 वेंटिलेटर पर हैं, यानी हालात अभी नियंत्रित है.