पटना : विशेष संवाददाता ।
संसद मे पेश हुए वक्फ संशोधन कानून पर सांसद जगदम्बिका पाल की अध्यक्षता मे पटना आई जेपीसी की टीम से होटल ताज मे विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने मुलाकात कर मजबूती के साथ अपनी अपनी बातों को रखा.
इस अवसर पर राजपूत महासभा के प्रदेश महासचिव राकेश सिंह मंटू द्वारा वक्फ बोर्ड को असंवैधानिक कहे जाने पर किशनगंज के सांसद मोहम्मद जावेद ने विरोध करते हुए जेपीसी अध्यक्ष से इन पर कार्रवाई की मांग की जिसका विभिन्न संगठनों के लोगों ने जमकर विरोध किया. इस अवसर पर पद्मश्री विमल जैन राधे सिंह और उपेंद्र चौहान ने विरोध में अपनी बातें रखी. हंगामा को देखकर जेपीसी के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने हास्य करते हुए मामले को शांत करने की कोशिश की और तब महिला सांसद कुलकर्णी ने सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों के विचारों का पक्ष लेते हुए जोरदार तरीके से अपनी बातों को रखा और तब माहौल बदल गया. सयुक्त संसदीय समिति के समक्ष सभी सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि ने अपनी बातो को रखते हुये भारत सरकार द्वारा प्रस्तावित वक्फ बोर्ड संशोधन 2024 के समर्थन मे अपने अपने विचार व्यक्त किये.
विचारों को व्यक्त करने वालों में निम्न सामाजिक एवं धार्मिक संगठनों के प्रतिनिधि सम्मिलित थे –
भारत विकास परिषद के अध्यक्ष पद्मश्री विमल जैन.
राष्ट्रीय सामाजिक न्याय मोर्चा के अध्यक्ष उपेन्द्र चौहान, प्रधान महासचिव नरेश महतो, प्रवक्ता नीलमणि पटेल.
मिथिला संस्कृति विकास समिति के अध्यक्ष लाल तुन्ना झा, महासचिव राम मोहन झा.
वरीय नागरिक मंच के सचिव राठौर जशोवर्धन, उपाध्यक्ष वीरेंद्र कुमार सिंह.
राजपूत महासभा बिहार के अध्यक्ष विद्या भूषण उर्फ राधे सिंह, महासचिव राकेश कुमार मंटू, कोषाध्यक्ष संपूर्णा नंद सिंह.
बीबीएसएफ के अध्यक्ष सुधीर कुमार शर्मा, उपाध्यक्ष प्रमोद सिंह.
भारतीय क्रांति दल डेमोक्रेटिव के डा० राकेश कुमार मिश्रा.
गॉड बुद्धम शरणम ट्रस्ट के उपाध्यक्ष संजीव कुमार पाल.
दीघा कृषि भूमि आवास बचाओ संघर्ष समिति के अध्यक्ष श्रीनाथ सिंह, श्री कामेश्वर प्रसाद सिंह, उपाध्यक्ष वीरेंद्र कुमार सिंह, युवा अध्यक्ष राकेश कुमार सिंह मंटू, सचिव मनोज आचार्य, संगठन सचिव विजय प्रसाद सिंह सहित कई सामाजिक संगठनों ने अपने अपने विचारों को मजबूती से रखा.
वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक को लेकर जगदंबिका पाल के नेतृत्व में पटना में जेपीसी की मीटिंग हुई. इसमें जेपीसी बिहार सरकार के प्रतिनिधियों के साथ ही विभिन्न मुस्लिम संगठनों के प्रतिनिधियों और विभिन्न हिंदूवादी संगठनों के प्रतिनिधियों से भेंट कर उनकी राय जानी गई. आपको बता दें कि वक्फ विधेयक पर बिहार और पटना की जनता, राजनीतिक, सामाजिक और धार्मिक संगठनों की राय जानने 12 नवंबर एवं 13 नवंबर को पटना आने वाली संयुक्त संसदीय समिति(जेपीसी) का कार्यक्रम तत्काल स्थगित हो गया था.
