लखनऊ : विक्रम राव
उत्तर प्रदेश के सीएम योगी के कई स्टाफ की कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट आयी है. लखनऊ में मुख्यमंत्री कार्यालय में करोना की चपेट में अधिकारी भी आ गए हैं. मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव एसपी गोयल, सचिव अमित सिंह और OSD अभिषेक कौशिक करोना संक्रमित हो गए हैं. मुख्यमंत्री आवास 5 कालिदास मार्ग के दो 2 स्टाफ को भी करोना संक्रमण हुआ है. सीएम योगी ने खुद को आसोलेटेड कर लिया है. अभी बंगाल में कई चुनावी सभा करके मुख्यमंत्री लौटे हैं. सीएम योगी ने आज ट्वीट करके कहा है कि मेरे कार्यालय के कुछ अधिकारी कोरोना से संक्रमित हुए हैं. यह अधिकारी मेरे संपर्क में रहे हैं. अतः मैंने एहतियातन अपने को आइसोलेट कर लिया है एवं सभी कार्य वर्चुअली प्रारम्भ कर रहा हूं. आज उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा कुल 18,021 कोरोना केस सामने आये हैं, जबकि 85 लोगों की मौत हुई है.
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार 2-3 हफ्ते के लॉकडाउन पर विचार का निर्देश दिया
इधर उत्तर प्रदेश में कोविड संक्रमण मरीजों के संख्या बढ़ने के मामले पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को पूर्ण लाकडाउन लगाने पर विचार करने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने कहा है कि प्रभावित नगरों में दो या तीन हफ्ते के लिए पूर्ण लाकडाउन लगाने पर सरकार विचार करे. हाईकोर्ट ने सचिव से 19 अप्रैल को हलफनामा देने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने कहा सड़क पर कोई भी व्यक्ति बिना मास्क के दिखायी न दे, अन्यथा कोर्ट पुलिस के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही करेगी. कोर्ट ने ये भी कहा है कि सामाजिक, धार्मिक आयोजनों मे 50 आदमी से अधिक न इकट्ठा हों.
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कोरोना मामले को लेकर दायर जनहित याचिका पर आज ये आदेश दिया है. जस्टिस सिद्धार्थ वर्मा और जस्टिस अजित कुमार की खंडपीठ ने ये आदेश जारी किया है.
कोर्ट ने कहा नाइट कर्फ्यू या कोरोना कर्फ्यू संक्रमण फैलाव रोकने के छोटे कदम हैं. ये नाइट पार्टी एवं नवरात्रि या रमजान में धार्मिक भीड़ तक सीमित है. कोर्ट ने टिपण्णी किया कि
नदी में जब तूफान आता है तो बांध उसे रोक नहीं पाते हैं. फिर भी हमें कोरोना संक्रमण को रोकने के प्रयास करने चाहिए. दिन में भी गैर-जरूरी यातायात को नियंत्रित किया जाये. कोर्ट ने कहा कि जीवन रहेगा तो दोबारा स्वास्थ्य ले सकेंगे, अर्थ व्यवस्था भी दुरूस्त हो जायेगी. विकास व्यक्तियों के लिए है,जब आदमी ही नहीं रहेंगे तो विकास का क्या अर्थ,रह जायेगा ?
आपको बता दें कि कोरोना से अत्यधिक प्रभावित शहरों में लखनऊ, कानपुर, प्रयागराज, वाराणसी, गोरखपुर शामिल है. कोर्ट ने कहा कि संक्रमण फैले एक साल बीत रहे हैं, लेकिन इलाज की सुविधाओं को बढ़ाया नहीं जा सका है. कोर्ट ने राज्य सरकार की 11 अप्रैल की गाइडलाइंस का सभी जिला प्रशासन को कड़ाई से अमल में लाने का निर्देश दिया. कोर्ट ने 19 अप्रैल को डीएम व सीएमओ प्रयागराज को कोर्ट में हाजिर रहने का निर्देश दिया है.
कोर्ट ने कैन्टोनमेन्ट जोन को अपडेट करने तथा रैपिड फोर्स को चौकन्ना रहने का दिया निर्देश दिया और साथ में कहा कि हर 48 घंटे में जोन का सेनेटाइजेशन किया जाये. कोर्ट ने एसपीजीआई लखनऊ की तरह स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल में कोरोना आईसीयू बढाने व सुविधाए उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने राज्य व केन्द्र सरकार को एंटी वायरल दवाओं के उत्पाद व आपूर्ति बढाने का दिया निर्देश देते हुआ कहा कि जरुरी दवाओं की जमाखोरी करने या ब्लैक मार्केटिंग करने वालों पर सख्ती किया जाय. आपको बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट में 12 अप्रैल से मुकदमों की वर्चुअल सुनवाई हो रही है.