लखनऊ : विक्रम राव
यूपी विधान सभा चुनाव 2022 का समय पास आते ही बीजेपी ने भी अपने वोटर्स को लुभाना शुरू कर दिया है. ब्राह्मणों को लुभाने के लिए बीजेपी प्रबुद्ध जन सम्मेलन शुरू करने जा रही है. इस सम्मेलन के जरिए बीजेपी के नेता टीचर्स, प्रोफेसर, इंजीनियर, डॉक्टर, साहित्यकार, आदि समाज के प्रबुद्ध लोगों से संवाद करेंगे.
बीजेपी 5 सितंबर से यूपी के प्रत्येक विधानसभा सीट पर प्रबुद्ध जन सम्मेलन (Prabuddh Jan Sammelan) शुरू करेगी. इसके लिए प्रदेश बीजेपी इकाई की तरफ से राज्य भर। में जोर-शोर से तैयारियां चल रही हैं. केंद्रीय नेतृत्व से पिछले हफ्ते ही इसे हरी झंडी मिलने के बाद शिक्षक दिवस के मौके पर 5 सितंबर से शुरू होकर 22 सितंबर तक यह प्रबुद्ध जन सम्मेलन जारी रहेगा. भले ही पार्टी की तरफ से ये कहा जा रहा है कि जातिगत आधार पर बीजेपी (BJP) इस सम्मेलन को आयोजित नहीं कर रही है, लेकिन सूत्रों के मुताबिक इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य ब्राह्मण वोटर्स को अपने पाले में करना है. उसी को देखते हुए सम्मेलन में आमंत्रित किए जाने वाले लोगों की लिस्ट और रूपरेखा तैयार की गई है. बता दें कि विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही बीजेपी ने समाज के हर वर्ग को लुभाने की कवायद तेज कर दी है.
ब्राह्मण वोटर्स को रिझाने के लिए बीजेपी का प्रबुद्ध जन सम्मेलन
बीजेपी यूपी में प्रबुद्ध जन सम्मेलन के जरिए टीचर्स, प्रोफेसर, इंजीनियर, डॉक्टर, साहित्यकार जैसे प्रबुद्ध वर्ग के लोगों से संवाद करेंगे. खास बात यह है कि यूपी की सभी पार्टियों ने समाज के हर वर्ग को लुभाने की कवायद शुरू कर दी है, लेकिन इस बार ब्राह्मण वोटरों पर सभी दल नजर लगाए हुए हैं. बसपा पहले से ही अपनी जीत को दोहराने के लिए इस चुनाव में भी ब्राह्मणों पर दांव लगा रही है, तो कांग्रेस भी इसमें पीछे नहीं है. बीजेपी भी अब इस मामले में पीछे नहीं रहना चाहती है, इसलिए नाराज ब्राह्मणों को फिर से रिझाने की राह पर बीजेपी चल पड़ी है.
मायावती यूपी की सत्ता में ब्राह्मणों के जरिए वापसी चाह रही है. बसपा द्वारा योगी सरकार पर ब्राह्मणों पर हमले का आरोप लगाया जा रहा है और कानपुर के बिकरू कांड में कई बेगुनाहों को फंसाने का उदाहरण दिया जा रहा है. गौरतलब है कि 2007 में ब्राह्मण वोट के बल पर मायावती (BSP) को बंपर जीत हासिल हुई थी. अब बीएसपी फिर से उसे दोहराना चाह रही है तो बीजेपी इसपर कब्जा करना चाह रही है.