गडकरी करेंगे परिवहन विभाग को अपग्रेड; टोल वसूली चलती गाड़ी से सैटेलाइट के जरिए होगी, ड्राइविंग लाइसेंस के लिए भी टेस्ट देने का झमेला खत्म

Toll Tax monitoring by satalite - Nitin Gadkari (Symbolic image)

दिल्ली : डॉ निशा सिंह

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी परिवहन विभाग को लगातार अपग्रेड करने में लगे हुए हैं. अब टोल वसूली चलती गाड़ी से सैटेलाइट के जरिए होगी, यानी इसमें फास्टैग की भी जरूरत नहीं है. इतना ही नहीं ड्राइविंग लाइसेंस के लिए भी टेस्ट देने का झमेला खत्म हो जाएगा, क्योंकि अब ड्राइविंग स्कूल का सर्टिफिकेट देकर ड्राइविंग लाइसेंस बनवाया जा सकता है.

नितिन गडकरी ने संसद में एक सवाल जवाब में कहा कि जब फास्टैग की शुरुआत हुई तो इसे भारत में एक क्रांतिकारी कदम के तौर पर देखा गया, लेकिन अब इससे आगे बढ़कर वाहन के नंबर प्लेट के माध्यम से देश में उपग्रह आधारित टोल वसूली की प्रक्रिया शुरू किए जाने की तैयारी हो रही है. इसमें चलती गाड़ियों से सैटेलाइट के जरिए टोल वसूली हो जाएगी जिसमें फास्टैग की भी जरूरत नहीं होगी. उन्होंने कहा कि उन्नत प्रौद्योगिकी के माध्यम से टोल वसूली के सुधार की पूरी गुंजाइश है. इस तकनीक से कोई ना तो टोल की चोरी कर सकता है और ना ही कोई बच सकता है. बता दें कि अब तक टोल नहीं देने पर सजा का प्रावधान भी नहीं है, लेकिन अब इस नई प्रौद्योगिकी को क्रियान्वित करने के लिए संसद में एक विधेयक लाया जाएगा इसके बाद छह महीने के भीतर देश में यह व्यवस्था लागू करने की पूरी कोशिश की जायेगी और इससे टोल टैक्स से बचने की कोशिश करने वालों को सजा का प्रावधान किया जाएगा.

गडकरी ने कहा कि वाहन निर्माताओं से वाहनों में जीपीआरएस की सुविधा देने के लिए कहा गया है ताकि इससे टोल वूसली में आसानी होगी और लोगों को भी राहत मिलेगी. अभी कोई व्यक्ति 10 किलोमीटर टोल रोड का उपयोग करता है लेकिन उसे 75 किलोमीटर का टोल चुकाना होता है, लेकिन जीपीआरएस आधारित टोल वसूली प्रक्रिया शुरू होने पर जहां से वाहन टोल में प्रवेश करेगा और जब उससे उतरेगा वहीं तक का टोल लगेगा, यानी लोगो को भी बचत होगी. बता दें कि फास्टैग लगाने के बावजूद इससे वसूली पूरी नहीं हो पा रही है. अभी प्रतिदिन इससे 120 करोड़ रुपए की वसूली हो पा रही है, 97 प्रतिशत लोग इस फास्टैग का उपयोग कर रहे हैं लेकिन 67 प्रतिशत ही इसके माध्यम से टोल चुका रहे हैं, जबकि शेष लोग नकदी में दोगुना टोल चुका रहे हैं.

बिना टेस्ट दिए ड्राइविंग लाइसेंस बनवाया जा सकेगा

इतना ही नहीं अब ड्राइविंग लाइसेंस के लिए भी आरटीओ ऑफिस का झमेला खत्म हो जाएगा. लाइसेंस के लिए टेस्ट भी नही देना होगा, क्योंकि an ड्राइविंग स्कूल का सर्टिफिकेट कोर्स करके पेपर दिखाकर लाईसेंस लिया जाएगा. इसके साथ ही ग्रीन एक्सप्रेस हाईवे बनाने का काम तेज हो गया है. गडकरी ने बताया कि देश में अभी 26 ग्रीन एक्सप्रेस हाईवे बनाने का काम जोरशोर से जारी है और वर्ष 2024 तक देश में ये 26 ग्रीन एक्सप्रेस हाईवे शुरू होने के बाद सड़क के मामले में भारत अमेरिका से पीछे नहीं रहेगा.

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