न्यूज़ 8 टुडे: रिसर्च डेस्क
दुनिया के सामने एक बार फिर संकट आने वाला है. इस बार जलवायु परिवर्तन को लेकर संकट आने वाली है. संयुक्त राष्ट्र संघ की नई रिपोर्ट ने पूरी दुनिया के सामने खड़े गंभीर खतरे की तरफ इशारा कर दिया गया. इस रिपोर्ट के मुताबिक धरती का तामपान अनुमान से कहीं ज्यादा तेजी से बढ़ रहा है और इसके लिए सीधे तौर पर मनुष्य जिम्मेदार है. तीन हजार से भी ज्यादा पन्नों की इस रिपोर्ट को 234 वैज्ञानिकों ने तैयार किया है. इसमें साफ कहा गया है कि जलवायु परिवर्तन के जिन खतरों के बारे में अनुमान था, वो अपने समय से काफी पहले ही दिखने लगे हैं. इसमें साफ-साफ लिखा है कि तापमान में बढ़ोतरी प्राकृतिक वजहों से काफी कम और मानवीय वजहों से अधिक हुए है.
2040 तक ही तापमान में 1.5 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी
वैज्ञानिकों का पहले अनुमान था कि 2050 तक दुनिया के तापमान में करीब 1.5 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी होगी, लेकिन रिपोर्ट से लग रहा है कि अब दस साल पहले ही इतना तापमान बढ़ जाएगा. यानी की 2040 तक ही वैश्विक तापमान में 1.5 डिग्री सेल्सियस की बढोतरी हो जाएगी.
भारत के लिए भी खतरे की घंटी है
इस रिपोर्ट में भारत के लिए भी चिंताजनक खबर है. भारत में बाढ़ का खतरा तो बढ़ेगा ही, साथ ही गर्मी के मौसम में भी काफी बढ़ौतरी होगी. भारत ना केवल ज्यादा गर्म होता जाएगा, बल्कि यहां नमी भी बढ़ेगी. भारत की बड़ी आबादी खेती पर निर्भर है और खेती मानसून पर और इस पर भी प्रतिकूल असर पड़ेगा. हाल ही में उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में भारी बाढ़ और पहाड़ गिरने की घटनाओं हुई है, जिसे इसके साथ जोड़कर देखा जा सकता है.
अनेक कदम उठाएं जा रहे हैं – भारत
भारत में हो रहे तापमान में बदलाव के कारण दक्षिण एशियाई मानसून पर असर पड़ रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक इससे तेज और भारी बरसात की संभावना ज्यादा बढ़ेगी. इसी के साथ गर्म हवाओं के दौर में भी वृद्धि देखी जाएगी. हालांकि भारत का ये भी कहना है कि पर्यावरण में हो रहे इस बदलाव को रोकने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने अनेक कदम उठाए हैं.