भोपाल : विवेक कुमार
पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने ब्यूरोक्रेसी और चप्पल के अपने बयान पर माफी यू-टर्न लेते हुए माफी मांगी है. इससे पहले आज उमा का विवादित वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ. ब्यूरोक्रेसी पर उमा भारती ने विवादित बयान देते हुए कहा था कि ब्यूरोक्रेसी नेताओं को घुमाती हैं ये फालतू की बात है, ब्यूरोक्रेसी की औकात क्या है. ब्यूरोक्रेसी नेता को घुमाती नहीं है, अकेले में बात हो जाती है, फिर ब्यूरोक्रेसी फाइल बनाकर लाती है. उन्होंने कहा, ‘मुझे पता है कि ब्यूरोक्रेसी हमारी चप्पल उठाती है. यह कौम तो हमारी चप्पलें उठाने वाली होती है. इस मुद्दे पर विवाद बढ़ते देख उमा ने माफी मांग ली है.
उमा भारती ने अपने विवादित बयान पर माफी मांगते हुए कहा कि मुझे रंज हैं कि मैंने असंयत भाषा का इस्तेमाल किया, जबकि मेरे भाव अच्छे थे. मैंने आज से यह सबक़ सीखा कि सीमित लोगों के बीच अनौपचारिक बातचीत में भी संयत भाषा का प्रयोग करना चाहिए.
विवादास्पद बयान का उमा भारती का यह वीडियो 19 सितंबर का बताया जा रहा है. इस दिन ओबीसी महासभा के प्रतिनिधिमंडल ने उमा भारती से भोपाल स्थित उनके बंगले पर मुलाकात की थी. प्रतिनिधि मंडल ने ओबीसी की जातिगत जनगणना और प्राइवेट सेक्टर में आरक्षण को लेकर उमा भारती को 5 सूत्रीय मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा था. इस दौरान उन्होंने कहा,
‘ब्यूरोक्रेसी की औकात क्या है? हम उन्हें तनख्वाह दे रहे हैं. हम उन्हें पोस्टिंग दे रहे हैं. हम उन्हें प्रमोशन और डिमोशन दे रहे हैं. उनकी कोई औकात नहीं है. असली बात है कि हम ब्यूरोक्रेसी के बहाने से अपनी राजनीति साधते हैं. यदि आरक्षण का लाभ चाहिए है तो कर्नाटक के लिंगायतों की तरह एकजुट होना पड़ेगा.’
मध्य प्रदेश कांग्रेस की मांग : उमा भारती के खिलाफ एफआईआर होना चाहिए
मध्य प्रदेश कांग्रेस के नेता पी सी शर्मा ने कहा कि उमा भारती जी कह रही ब्यूरोक्रेसी चप्पल उठाने वाली है, ये अधिकारी और कर्मचारी का अपमान करना है, जिन्होंने कोरोना काल में इतना काम किया है. इस बयान के लिए बीजेपी को मांफी मांगनी चाहिए. उमा भारती के खिलाफ एफआईआर होना चाहिए.