नई दिल्ली।
गुप्तकाल पर नई दृष्टि डालती है पुस्तक ‘ट्रेजर्स ऑफ द गुप्ता एम्पायर’का इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र में लोकार्पण किया गया और उस पर चर्चा का आयोजन किया गया.
डॉ. संजीव कुमार द्वारा लिखित यह एक अत्यंत महत्त्वपूर्ण पुस्तक है. ‘ट्रेजर्स ऑफ द गुप्ता एम्पायर’ पुस्तक को प्रगति ऑफसेट प्रा. लि. ने प्रकाशित किया है. कार्यक्रम के दौरान, गुप्त साम्राज्य के दुर्लभ सिक्कों की एक अनूठी प्रदर्शनी भी लगाई गई थी, जिसने उस काल के गौरवशाली अतीत को जीवंतता के साथ प्रस्तुत किया. पुस्तक पर चर्चा के दौरान लेखक संजीव कुमार ने कहा कि यह पुस्तक चार दशकों के निरंतर और गहन शोध के बाद लिखी गई है और यह गुप्त साम्राज्य के इतिहास को एक नई दृष्टि से देखने का अवसर प्रदान करेगी.
कार्यक्रम की अध्यक्षता आईजीएनसीए के सदस्य सचिव डॉ. सच्चिदानंद जोशी ने की, जबकि मुख्य अतिथि थे राष्ट्रीय संग्रहालय के महानिदेशक डॉ. बी.आर. मणि. चर्चा कार्यक्रम में वक्ता थे- लखनऊ विश्वविद्यालय के एमिरटस प्रोफेसर पद्म श्री के.के. थपल्याल, मुंबई विश्वविद्यालय के डी.एम. इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूमिस्मैटिक्स एंड आर्कियोलॉजी के पूर्व निदेशक डॉ. दिलीप राजगोर, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण, नई दिल्ली के अतिरिक्त महानिदेशक डॉ. संजय कुमार मंजुल, पुस्तक के लेखक संजीव कुमार, आईजीएनसीए के कला निधि प्रभाग के प्रमुख व डीन (प्रशासन) प्रो. रमेश चंद्र गौड़ और इंडियन कॉइन सोसाइटी के अध्यक्ष एवं ओरिएंटल न्यूमिस्मैटिक सोसाइटी, यूके के सम्माननीय फेलो डॉ. प्रशांत कुलकर्णी.
कार्यक्रम के दौरान प्रो. के.के. थपलियाल ने लेखक को एक अत्यंत प्रासंगिक और उल्लेखनीय पुस्तक तैयार करने के लिए बधाई दी. उन्होंने कहा कि यह कार्य गुप्त काल के अध्ययन में सबसे व्यापक, अद्यतन और उदाहरणात्मक योगदान है.
अपने अध्यक्षीय सम्बोधन में डॉ. सच्चिदानंद जोशी ने डिजिटल लेन-देन के युग में सिक्कों पर आधारित इस पुस्तक की प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला और विश्वविद्यालयों में मुद्राशास्त्र के अध्ययन की कमी की ओर ध्यान आकर्षित कराया.
पुस्तक के बारे में विद्वानों ने कहा कि यह अद्वितीय पुस्तक अंतरराष्ट्रीय इतिहासकारों और विद्वानों द्वारा व्यापक रूप से सराही जा चुकी है. यह पुस्तक गहन शोध पद्धति और वैज्ञानिक विश्लेषण के आधार पर गुप्त साम्राज्य (चौथी से छठी शताब्दी ईस्वी) के बारे में अब तक अनदेखे पहलुओं को उजागर करती है. कुमार की ‘ट्रेजर्स ऑफ द गुप्ता एम्पायर’ केवल एक ऐतिहासिक विवरण नहीं है, बल्कि गुप्तकालीन इतिहास की हमारी समझ को पुनः परिभाषित करने वाली एक महत्वपूर्ण पुस्तक है. आधुनिक वैज्ञानिक विधियों का उपयोग कर यह पुस्तक सम्राट समुद्रगुप्त, चंद्रगुप्त, कुमारगुप्त और स्कंदगुप्त जैसे शक्तिशाली शासकों के अज्ञात पहलुओं को उजागर करती है और पहले से चली आ रही ऐतिहासिक धारणाओं को चुनौती देती है.