न्यूज डेस्क :
Tokyo Paralympics 2021 : नोएडा के डीएम और बैडमिंटन खिलाड़ी सुहास एलवाई ने बैडमिंटन स्पर्धा के पुरुष एकल में जीत के साथ शुरुआत की है. एलवाई के इस जीत पर यूपी के सीएम योगी (Yogi Adityanath) ने ट्वीट कर बधाई दी. सुहास एलवाई (Suhas LY) ने जर्मनी के येन निकलास पोट को मात दी. सुहास का जीत से आगाज पर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने उन्हें बधाई दी है.
“टोक्यो पैरालंपिक में प्रतिभाग कर रहे डीएम सुहास एल वाई ने बैडमिंटन स्पर्धा में विजयी शंखनाद किया है. उनकी इस शानदार शुरुआत के लिए हार्दिक बधाई. ईश्वर से कामना है कि आपकी सफलता का यह क्रम सतत जारी रहे. प्रदेशवासियों की शुभकामनाएं आपके साथ हैं. जय हिंद!”
बैडमिंटन के पुरुष एकल के ग्रुप ए के एकतरफा मुकाबले में 38 साल के सुहास ने सिर्फ 19 मिनट में पोट को 21-9 21-3 से हराया. अगले मुकाबले में सुहास का सामना कल यानी शुक्रवार को इंडोनेशिया के हैरी सुसांतो और फिर फ्रांस के शीर्ष वरीय लुकास माजुर से होगा. सुहास ने कहा कि वह शुक्रवार को शीर्ष वरीय और खिताब के प्रबल दावेदार माजुर के खिलाफ मुकाबले को लेकर उत्साहित हैं. उन्होंने कहा कि इस मुकाबले से पहले टूर्नामेंटों में हमारे बीच कड़ी टक्कर रही थी और मैंने उसके खिलाफ कुछ मुकाबले गंवाए और कुछ में जीत दर्ज की. सुहास ने कहा, “उसकी लंबाई के कारण कुछ शॉट ऐसे होते हैं जिसके आप आदी नहीं हैं, लेकिन मैंने विशेष तौर पर इसकी ट्रेनिंग की है. मुझे यकीन है कि उसने भी मुझे ध्यान में रखते हुए ट्रेनिंग की होगी.”
संघर्षपूर्ण रहा है सुहास का सफर
सुहास एलवाई का पूरा नाम सुहास लालिनाकेरे यतिराजी है. कर्नाटक के शिगोमा में जन्मे सुहास बचपन से ही दिव्यांग हैं. उनके पिता एक सरकारी कर्मचारी थे, जिसकी वजह से सुहास ने देशभर के विभिन्न जिलों में रहकर अपनी प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की है. सुहास के परिवार वाले चाहते थे कि सुहास बड़े होकर एक डॉक्टर बनें, लेकिन वह इंजीनियर बनाना चाहते थे. उनके इस फैसले को परिवार वालों ने सहयोग किया. अपने परिवार वालों का साथ और कठिन परिश्रम के चलते उन्होंने साल 2004 में कंप्यूटर साइंस से इंजीनियरिंग की डिग्री पूरी की, लेकिन इसके बावजूद भी वह संतुष्ट नहीं हुए. सुहास ने तमाम कठिनाइयों के बावजूद भी साल 2007 में देश की सबसे कठिन परीक्षा (UPSC) पास की और एक आईएएस अधिकारी बनें. वर्तमान में वो नोएडा के जिला अधिकारी का पद संभाल रहे हैं. सुहास देश के ऐसे पहले आईएएस अधिकारी हैं, जिन्होंने टोक्यो पैरालंपिक में अपनी जगह बनाई है.