खेल डेस्क :
नीरज चोपड़ा ने जैवलिन थ्रो इवेंट के फाइनल में इतिहास रचते हुए गोल्ड मेडल पर कब्जा जमाया है. यह भारत को एथलेटिक्स में पहली बार गोल्ड मेडल मिला है. पीएम मोदी सहित अन्य मंत्रियों ने नीरज को जीत पर बधाई दी है. हरियाणा सरकार ने नीरज को बधाई देते हुए 6 करोड़ रुपए और क्लास 1 अधिकारी के पद का ऑफर देने की घोषणा की है. भारत के एथलीट नीरज चोपड़ा ने टोक्यो ओलंपिक में यह इतिहास रचा है. क्वालीफाइंग राउंड की तरह ही नीरज का प्रदर्शन फाइनल में भी बेहद शानदार रहा और उन्होंने एथलेक्टिक्स में मेडल के 100 साल के सूखे को भी खत्म कर दिया है. नीरज ने फाइनल मैच में अपना पहला ही थ्रो 87.03 मीटर का फेंका और गोल्ड की उम्मीद जगा दी. इसके बाद दूसरे प्रयास में नीरज ने 87.58 मीटर का थ्रो फेंककर गोल्ड मेडल पक्का कर लिया.
टोक्यो ओलंपिक में भारत के कुल 7 पदक
टोक्यो ओलंपिक में भारत के कुल पदकों की संख्या इस गोल्ड मेडल के साथ ही 7 हो गई है. भारत के पास कुल 1 गोल्ड, 2 सिल्वर और 4 ब्रॉन्ज मेडल आ चुके हैं. किसी भी ओलंपिक में भारत का यह अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है.
ओलंपिक खेलों में गोल्ड मेडल जीतने वाले दूसरे खिलाड़ी बने नीरज
नीरज भारत की तरफ से ओलंपिक खेलों में गोल्ड मेडल जीतने वाले महज दूसरे ही खिलाड़ी हैं. उनसे पहले साल 2008 में अभिनव ब्रिंदा ने निशानेबाजी में भारत को गोल्ड मेडल दिलाया था. एथलेटिक्स में यह ओलंपिक खेलों में भारत का पहला गोल्ड मेडल है.
नीरज ने जर्मनी के जोहानेस वेटेर को पीछे छोड़ा था जो स्वर्ण पदक के प्रबल दावेदार माने जा रहे थे. जोहानेस ने भी हालांकि 85.64 मीटर का थ्रो कर ऑटोमेटिक क्वालीफिकेशन हासिल किया था. आज होने वाले फाइनल में सभी की निगाहें नीरज पर थी, क्योंकि वह इस सीजन में शानदार प्रदर्शन कर रहे थे और उनके नाम 88.07 मीटर का राष्ट्रीय रिकॉर्ड है, जिसे उन्होंने मार्च में इंडियन ग्रां प्री में हासिल किया था.
नीरज ने क्वालीफिकेशन में जिस तरह का प्रदर्शन किया और वह ग्रुप ए में पहले स्थान पर रहे थे, उसके बाद उनसे सोना लाने की संभावना बढ़ गई है. 23 साल के नीरज ने ओलंपिक स्टेडियम में ग्रुप ए क्वालीफिकेशन राउंड के अपने पहले ही प्रयास में 86.65 मीटर का थ्रो फेंक 83.50 मीटर के ऑटोमेटिक क्वालीफाइंग अंक को हासिल किया था तथा फाइनल में पदक के प्रबल दावेदार के रूप में उभरे थे.
ये है नीरज चोपड़ा का इतिहास
जेवलिन थ्रो के फाइनल में गोल्ड जीतने वाले नीरज इस गेम में अचानक ही आए थे. उन्होंने जिम छोड़कर जेवलिन थ्रो करना शुरू किया था. उनके चाचा भीम चोपड़ा ने बताया कि नीरज शुरुआत में शारीरिक रूप से ज्यादा फिट नहीं थे, इसलिए जिम जाते थे. जिम के पास ही स्टेडियम था, तो कई बार वे वहां टहलने के लिए चले जाते थे. एक बार स्टेडियम में कुछ बच्चे जेवलिन कर रहे थे. नीरज वहां जाकर खड़े हो गए, तभी कोच ने उनसे कहा कि आओ जेवलिन फेंको, देखें कहां तक फेंक पाते हो. नीरज ने जेवलिन फेंका तो वह काफी ज्यादा दूर जाकर गिरा. इसके बाद कोच ने उन्हें रेगुलर ट्रेनिंग में आने के लिए कहा. कुछ दिनों तक नीरज ने पानीपत स्टेडियम में ट्रेनिंग की, फिर पंचकूला में चले गए और वहां ट्रेनिंग करने लगे.
सेना में नायब सूबेदार के पद पर नियुक्त हैं नीरज
नीरज ने 2016 में जूनियर वर्ल्ड रिकॉर्ड कायम किया था, इसके बावजूद वे रियो ओलिंपिक के लिए क्वालिफाई नहीं कर सके थे. नीरज ने यह रिकॉर्ड 23 जुलाई को बनाया था, जबकि रियो के लिए क्वालिफाई की आखिरी तारीख 23 जुलाई थी. वर्ल्ड रिकॉर्ड के बाद सेना ने नीरज को जूनियर कमीशंड ऑफिसर की पोस्ट देते हुए नायब सूबेदार के पद पर नियुक्त किया. उसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा और 2018 एशियन गेम्स और कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल भी जीता. नीरज अब तक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 6 बड़े टूर्नामेंट में मेडल जीत चुके हैं. वे 2018 में जकार्ता एशियन मेम्स, गोल्ड कोस्ट कॉमनवेल्थ गेम्स, 2017 में एशियन चैंपियनशिप, 2016 में साउथ एशियन गेम्स, 2016 में जूनियर वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीत चुके हैं. जबकि 2016 में जूनियर एशियन चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीता था.