लखनऊ : विक्रम राव
सपा विधायक और पूर्व मंत्री आजम खान को आज यानी गुरुवार को हेट स्पीच (भड़काऊ भाषण) मामले में तीन साल की सजा मिली है. अब उनकी विधायकी भी जा सकती है. हालांकि उन पर 25 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया है, लेकिन उन्हें जमानत मिल गई है. जमानत मिलने के बाद आज़म ख़ान ने कहा कि वो सजा के खिलाफ ऊपरी अदालत में अपील करेंगे.
गुरुवार की दोपहर एमपीएमएलए की विशेष अदालत ने सुनवाई शुरू करने के बाद आजम को दोषी ठहराते ही कस्टडी में ले लिया था और अदालत के फैसला सुनाने के दौरान आजम खां कस्टडी में ही रहे. बाद में उन्हें 25 हजार रुपए का जुर्माना लेकर जमानत दे दिया गया.
बता दें कि आजम के खिलाफ तीन धाराओं में केस दर्ज हुआ था और तीनों ही मामलों में उन्हें दोषी माना गया. 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान आजम पर भड़काऊ भाषण देने का मामला दर्ज किया गया था. आजम खां चुनाव जीत भी गए थे. चुनाव प्रचार के दौरान उनके खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन के कई मामले विभिन्न थानों में दर्ज हुए थे, जिसमें एक मामला मिलक कोतवाली में हुआ था।
इसमें उन पर आरोप है कि उन्होंने संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों पीएम मोदी और सीएम योगी और तत्कालीन जिलाधिकारी के लिए अपशब्द कहे, धमकी दी और दंगा भड़काने का प्रयास किया. उनके द्वारा वर्ग विशेष से धर्म के नाम पर वोट की अपील की गई.
जनप्रतिनिधि के लिए सजा पर प्रावधान
जनप्रतिनिधियों के लिए बने विशेष कानून के मुताबिक यदि किसी विधायक को दो साल से ज्यादा की सजा सुनाई जाती है तो फिर उसकी सदस्यता चली जाती है. इस हिसाब से आजम खां के लिए यह बहुत बड़ा संकट है. बता दें कि इससे पहले भी अयोध्या की गोसाईगंज विधानसभा से भाजपा के विधायक खब्बू तिवारी को अपनी विधायकी गवानी पड़ी थी. उन्हें कोर्ट ने दो साल से ज्यादा की सजा सुनाई थी. आपको बता दें कि साल 2019 के चुनाव में आजम खां रामपुर से सांसद चुने गये थे और रामपुर से ही इसी साल विधायक बनने पर सांसदी से इस्तीफा दे दिया था.