न्यूज डेस्क
पीएम नरेंद्र मोदी ने शिलांग में पूर्वोत्तर इंदिरा गांधी क्षेत्रीय स्वास्थ्य एवं चिकित्सा विज्ञान संस्थान में 7,500वां जन औषधि केंद्र राष्ट्र को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये समर्पित करते हुए कहा कि जन औषधि योजना के तहत देश भर में किफायती दवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं. जन औषधि योजना के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए 1 मार्च से 7 मार्च तक देश भर में जनऔषधि सप्ताह मनाया जा रहा है.
पूरी दुनिया ने भारत की दवाओं का लोहा माना
पीएम मोदी ने कहा है कि जन औषधि के क्षेत्र में भारत की ताकत को पूरी दुनिया ने माना है. प्रधानमंत्री ने कहा कि ये सिद्ध हो चुका है, दुनिया हमारी जेनरिक दवाईयां लेती है. लेकिन हमारे यहां ही उनको प्रोत्साहित नहीं किया गया, अब हमने उस पर बल दिया है. कोरोना काल में दुनिया ने भारत की दवाईयों की शक्ति को अनुभव किया है.
स्वास्थ्य के क्षेत्र में देश ने नई उपलब्धियां हासिल की
पीएम मोदी ने रविवार को जन औषधि केंद्रों को मजबूत करने का संकल्प लिया. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने किफायती दवाएं और चिकित्सा उपकरणों की कीमत कम करने जैसे कदम उठाए जिससे गरीब और जरूरतमंद लोग सालाना 50,000 करोड़ रुपये तक बचत करने में कामयाब रहे हैं. मोदी ने कहा कि आज 7500वें केंद्र का उद्घाटन किया जा रहा है और यह शिलांग में हो रहा है. इससे यह साफ हो गया है कि पूर्वोत्तर में जन स्वास्थ्य केंद्रों का कितनी तेजी से विस्तार हो रहा है. इन जन औषधि केंद्रों में सस्ती दवाई के साथ-साथ युवाओं को आय के साधन भी मिल रहे हैं.
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि हमारी बहनों और बेटियों को सिर्फ ढाई रुपये में सैनिटरी पैड उपलब्ध कराए जाते हैं तो इससे उनके स्वास्थ्य पर सकारात्मक असर होता है. फिलहाल 11 करोड़ से ज़्यादा सैनिटरी नैपकिन इन केंद्रों पर बिक चुके हैं. इस योजना से पहाड़ी क्षेत्रों, पूर्वोत्तर के जनजातीय क्षेत्रों में रहने वाले देशवासियों तक सस्ती दवा देने में मदद मिल रही है.
स्वास्थ्य का अर्थ बीमारी से मुक्ति नहीं
इस अवसर पर पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि लंबे समय तक देश की सरकारी सोच में स्वास्थ्य को सिर्फ बीमारी और इलाज का ही विषय माना जाता रहा है, लेकिन स्वास्थ्य का विषय सिर्फ बीमारी से मुक्ति जितना नहीं है, ये देश के पूरे सामाजिक और आर्थिक ताने-बाने को प्रभावित करता है, इसलिए इसमें सुधार किया जा रहा है.