शिक्षक दिवस के अवसर पर आज राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू स्कूल, कॉलेजों के 75 शिक्षकों को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया. यह पुरस्कार समारोह नई दिल्ली के विज्ञान भवन में हुआ.
TEACHERS DAY 2023 : शिक्षा के क्षेत्र में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले स्कूल, कॉलेज और शिक्षा संस्थानों के चयनित 75 शिक्षकों को राष्ट्रपति ने सम्मानित किया. प्रत्येक पुरस्कार में योग्यता प्रमाण पत्र, 50,000 रुपये का नकद पुरस्कार और एक रजत पदक दिया. इस साल 50 स्कूली शिक्षकों, उच्च शिक्षा के 13 शिक्षकों और कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय के 12 शिक्षकों को सम्मानित किया गया. राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार का उद्देश्य देश के वैसे शिक्षकों को सम्मानित करना होता है, जिन्होंने अपनी प्रतिबद्धता और समर्पण के द्वारा शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के साथ ही छात्रों के जीवन को भी समृद्ध बनाया है.
आपको बता दें कि शिक्षा मंत्रालय का स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग कठोर, पारदर्शी चयन प्रक्रिया के माध्यम से चुनता है. देश के सर्वश्रेष्ठ शिक्षकों को राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान करने के लिए हर साल शिक्षक दिवस पर एक राष्ट्रीय स्तर का समारोह आयोजित किया जाता है. सबसे अहम बात है कि इस वर्ष से राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के दायरे का विस्तार किया गया है और इसमें उच्च शिक्षा विभाग और कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय के शिक्षकों को भी शामिल किया गया है. इस प्रकार से पुरस्कार विजेताओं में 50 स्कूल शिक्षक, उच्च शिक्षा संस्थानों के 13 शिक्षक और कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय के 12 शिक्षक शामिल किया गया.
डॉ.सर्वपल्लीर राधाकृष्णथन की जयंती पर मनाया जाता है शिक्षक दिवस
TEACHERS DAY : भारत के दूसरे राष्ट्र पति डॉ.सर्वपल्लीज राधाकृष्ण न (Sarvepalli Radhakrishnan) का जन्म 5 सितंबर 1888 को हुआ था. वे एक शिक्षक, दार्शनिक और विद्वान के रूप में जाने जाते हैं. उनके जन्मदिन को देश में शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है. कहा जाता है कि छात्र डॉ.सर्वपल्लीप राधाकृष्णेन के व्यक्तित्व से काफी प्रभावित थे और उनका जन्मदिन मनाना चाहते थे. इसपर राधाकृष्णन ने कहा कि मेरा जन्मदिन मनाने से बेहतर है कि आप लोग इसे शिक्षक दिवस के रूप में मनाएं और तभी से 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है. हालांकि देश में शिक्षक दिवस मनाने की शुरुआत साल 1962 में डॉ. राधाकृष्णन के राष्ट्रपति बनने के ही साथ हुई थी.
डॉ. निशा सिंह