पटना : वरिष्ठ संवाददाता
बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी इस बार के लोकसभा चुनाव में प्रचार नहीं कर पाएंगे .कारण कि वे पिछले छह महीने से कैंसर से पीड़ित हैं. खुद सुशील मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इसकी जानकारी दी है.सुशील कुमार मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा है कि पिछले 6 माह से कैंसर से संघर्ष कर रहा हूं. अब लगा कि लोगों को बताने का समय आ गया है. लोकसभा चुनाव में कुछ कर नहीं पाऊंगा. प्रधानमंत्री मोदी जी को सब कुछ बता दिया है. देश, बिहार और पार्टी का सदा आभार और सदैव समर्पित।
पिछले 6 माह से कैंसर से संघर्ष कर रहा हूँ । अब लगा कि लोगों को बताने का समय आ गया है । लोक सभा चुनाव में कुछ कर नहीं पाऊँगा ।
PM को सब कुछ बता दिया है ।
देश, बिहार और पार्टी का सदा आभार और सदैव समर्पित |— Sushil Kumar Modi (मोदी का परिवार ) (@SushilModi) April 3, 2024
सुशील कुमार मोदी बिहार बीजेपी का सबसे बड़ा चेहरा रहे हैं। वे बिहार के उपमुख्यमंत्री के अलावा राज्यसभा सांसद भी रह चुके हैं. हालांकि इस साल उन्हें राज्यसभा नहीं भेजा गया है . इसके अलावा भी वह पार्टी में कई पदों पर रह चुके हैं. 33 साल के सार्वजनिक जीवन में राज्यसभा, लोकसभा, विधान परिषद और विधान सभा सहित सभी चार सदनों के सदस्य रह चुके हैं. पांच साल तक विधान परिषद में भी नेता-प्रतिपक्ष का दायित्व निभाया.बिहार में लालू -राबड़ी का शासन हो या बीजेपी -जेडीयू का शासन सुशील मोदी की भूमिका महत्वपूर्ण रही है।
नीतीश कुमार के नेतृत्व में बीजेपी -जेडीयू के पिछले शासन में सुशील मोदी बिहार में उपमुख्यमंत्री के साथ वित्त मंत्री भी रहे हैं.
वित्त मंत्री रहते उन्हें राज्यों के वित्त मंत्रियों की प्राधिकृत समिति का अध्यक्ष बनाया गया था. जेपी आंदोलन में सक्रियता और आपातकाल में 19 महीने की जेल काटने के बाद जब मुख्यधारा की राजनीति में आए तब लगातार 15 साल विधायक रहे. 9 साल विधान परिषद के सदस्य रहे. लोकसभा में भागलपुर संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं. राज्य सभा सदस्य बनने पर सदन की विधि एवं न्याय समिति के अध्यक्ष रहे.
बता दें कि सुशील कुमार मोदी बिहार के उपमुख्यमंत्री के अलावा राज्यसभा सांसद भी रह चुके हैं. हालांकि इस साल उन्हें राज्यसभा नहीं भेजा गया. इसके अलावा भी वह पार्टी में कई पदों पर रह चुके हैं. 33 साल के सार्वजनिक जीवन में राज्यसभा, लोकसभा, विधान परिषद और विधान सभा सहित सभी चार सदनों के सदस्य रह चुके हैं. पांच साल तक विधान परिषद में भी नेता-प्रतिपक्ष का दायित्व निभाया.