नई दिल्ली : निशा कुमारी
आम्रपाली हाउसिंग प्रॉजेक्ट्स के मामले में सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने संदिग्ध डिफॉल्टर होम बायर्स को बकाया राशि देने के लिए 31 अक्टूबर तक का समय दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अगर ये बायर्स 31 अक्टूबर तक बकाया जमा नहीं करेंगे तो उनको फ्लैट का अलॉटमेंट कैंसल कर दिया जाएगा.
जस्टिस यूयू ललित और अशोक भूषण की पीठ ने कहा कि ऑडिटर्स द्वारा पहचान किए गए सभी डिफॉल्टर होमबॉयर्स को 31 अक्टूबर से पहले अपने बकाया का भुगतान करना होगा. अगर बकाया देने में बायर्स नाकाम रहे तो रिसीवर आवंटन रद्द करने के लिए कदम उठाने के हकदार होंगे. कोर्ट का यह आदेश कोर्ट रिसीवर वरिष्ठ अधिवक्ता आर वेंकटरमनी की ओर से प्रस्तुत किए गए एक नोट पर आया. वरिष्ठ वकील वेंकटरमनी ने अदालत को बताया कि आम्रपाली की संपत्तियों की नीलामी पर एमएसटीसी लिमिटेड के साथ एक एक्शन प्लान बनाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि पांच संपत्तियों की पहचान की गई है, जो कि करीब 12 करोड़ रुपए के करीब की हो सकती है.
लोहाटी ने कोर्ट के बताया कि NBCC को 46459 इकाइयों को पूरा करने के लिए 8016.88 करोड़ रुपए की आवश्यकता है, जिसमें से 3870.38 करोड़ रुपये केवल होमबॉयर्स का बकाया है जबकि शेष 4146.5 करोड़ रुपए अन्य स्रोतों से वसूल किए जाने हैं.
दरअसल आम्रपाली ग्रुप के ऊपर समय से प्रोजेक्ट को पूरा नहीं करने और खरीददारों की समय से घर नहीं देने को लेकर कोर्ट में अपील की गई थी, जिसमें कोर्ट ने आदेश दिया था कि आम्रपाली ग्रुप के परिसंपत्तियों से पैसे की उगाही करके पैसा देनेवाले खरीददारों को घर दिया जाए अथवा ब्याज के साथ पैसे लौटाए जाएं, क्योंकि ये पैसे खरीददारों ने बैंकों से ब्याज पर लेकर ही दिया था. अब वैसे खरीददार, जिन्होंने अपना पैसा समय से नहीं दिया था, उनपर तो गाज गिरना तो तय है था. फिलहाल कोर्ट के फैसले से आम खरीददार संतुष्ट होती दिख रही है.