बिहार चुनाव : सत्ता की दशा और दिशा तय करेगा 3 नवंबर के दूसरे चरण का चुनाव

डॉ. निशा सिंह

बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में 3 नवंबर को वोट डाले जाएंगे. कुल 17 जिलों की 94 विधानसभा सीटों पर 1463 उम्मीदवार किस्मत आजमा रहे हैं. दूसरा चरण बिहार के सत्ता की दशा और दिशा तय करने वाला है, यही वजह है कि एनडीए और महागठबंधन दोनों अपनी-अपनी ताकत लगा रहे हैं.

किंगमेकर बनने के लिए एलजेपी से लेकर आरएलएसपी और बसपा भी जुटी हैं. पहले चरण में 71 सीटों पर हुए चुनाव में 55 फीसदी मतदान हुआ था. चुनाव जीतने के लिए एनडीए ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर केंद्र के कई मंत्री से लेकर भगवाब्रांड नेता यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को भी प्रचार के लिए मैदान में उतार रखा है, जबकि महागठबंधन की ओर से तेजस्वी यादव के साथ राहुल गाँधी ने मोर्चा संभाल रखा है.

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बिहार के दूसरे चरण में असल परीक्षा महागठबंधन के नेता लालू यादव के दोनों पुत्र तेजस्वी यादव और उनके बड़े भाई तेजप्रताप यादव की होनी है. इस दौर में महागठबंधन की ओर से आरजेडी 56 सीटों पर चुनाव लड़ रही है, जबकि उसकी सहयोगी कांग्रेस 24 और वामपंथी दल 14 सीटों पर चुनावी मैदान में हैं. एनडीए की ओर से जेडीयू 43 सीटों पर चुनावी मैदान में उतरी है, जबकि बीजेपी 46 सीटों पर और उसकी सहयोगी वीआईपी 5 सीटों पर मैदान में है. एनडीए से जुदा होकर बिहार के सियासी लड़ाई में अकेले चुनाव लड़ने वाले चिराग पासवान की एलजेपी दूसरे चरण की 94 सीटों में से 52 सीटों पर चुनाव लड़ रही है, जिनमें से 43 प्रत्याशी जेडीयू के खिलाफ हैं. इसके अलावा दो सीटों पर बीजेपी के खिलाफ भी एलजेपी प्रत्याशी मैदान में हैं. वहीं, बसपा ने 33 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे हैं. दूसरे चरण में 27 सीटों पर बीजेपी और आरजेडी आमने सामने हैं. ऐसे ही बीजेपी का कांग्रेस के साथ 12 सीटों पर और सीपीएम के साथ एक, सीपीआई के साथ दो और दो सीटों पर माले के साथ मुकाबला हो रहा है. वहीं, जेडीयू के 43 प्रत्याशियों में 25 का आरजेडी से सीधा मुकाबला है. जेडीयू 12 सीटों पर कांग्रेस से दो-दो हाथ कर रही है. वहीं, माले के साथ 2, सीपीएम के साथ तीन और सीपीआई के साथ एक सीट पर लड़ रही है.

15 फीसदी वोटों का अंतर 2015 के विधानसभा चुनाव में रहा

दूसरे दौर का मतदान जिन विधानसभा क्षेत्रों में होने जा रहा है, वहां अगर मौजूदा एनडीए के 2015 के वोट प्रतिशत को देखें तो बीजेपी ने 25.86 फीसदी वोटों के साथ 20 सीटें जीती थीं, जबकि जेडीयू ने 17.30 फीसदी के साथ 30 सीटें और हम को 2.07 फीसदी वोट मिले थे. इस तरह से एनडीए का कुल वोट 45.24 फीसदी और सीटें 50 होती हैं. वहीं, अगर मौजूदा महागठबंधन के वोट फीसदी को देखें तो आरजेडी को 20.34 फीसदी के साथ 33 सीटें, कांग्रेस 4.86 फीसदी के साथ 7 सीटें, सीपीआई को 1.65 फीसदी, सीपीएम 1.06 और सीपीआई माले को 2.07 फीसदी वोट व एक सीट मिली थी, जिन्हें मिलाकर 29.08 फीसदी वोट और 41 सीटें होती हैं. हालांकि, 6.68 फीसदी वोटों के साथ लोजपा को 2 सीटें मिली थीं जबकि अन्य को 18.99 फीसदी वोट तथा एक सीट मिली थी.

एनडीए और महागठबंधन के बीच करीब 15 फीसदी वोटों का अंतर है. दूसरे चरण में पटना, मिथिलांचल, कोसी और सारण प्रमंडल की सीटों पर चुनाव होने हैं. ऐसे में अगर एनडीए अपने वोट फीसदी को बनाए रखने में सफल रहता है तो निश्चित तौर पर सीटों में बड़ा फेरबदल हो सकता है. इसका सीधा असर महागठबंधन की सीटों पर पड़ेगा. तेजस्वी यादव अगर वोट के अंतर के गैप को खत्म करने में सफल रहते हैं तो निश्चित तौर पर अपनी सीटों को बचाए रखने में सफल रहेंगे.

2015 के विधानसभा चुनाव के नतीजों में किस पार्टी का कितना कब्जा रहा ?

बिहार के दूसरे चरण की 94 सीटों के 2015 के विधानसभा चुनाव के नतीजों और वोट फीसदी को देखें तो मौजूदा एनडीए और महागठबंधन के बीच करीब 15 फीसदी वोटों का अंतर रहा था. पिछले चुनाव में आरजेडी-जेडीयू-कांग्रेस ने मिलकर 70 सीटों पर जीत हासिल की थी. इनमें 33 सीटें आरजेडी, 30 सीटें जेडीयू और सात सीटें कांग्रेस ने जीती थीं. वहीं, बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए ने 22 सीटें जीती थीं, जिनमें 20 सीटों पर बीजेपी को जीत मिली थी जबकि दो सीटें लोजपा के खाते में गई थी.

हालांकि, इस बार राजनितिक समीकरण बदल गए हैं. जेडीयू और बीजेपी एक साथ मिलकर चुनाव मैदान में हैं तो एलजेपी अलग चुनाव लड़ रही है. वहीं, जेडीयू के बिना चुनावी मैदान में उतरी आरजेडी पुराने नतीजे दोहराने के लिए कांग्रेस के साथ वामपंथी दलों का सहारा है. एनडीए ने 2010 में इस इलाके में जबरदस्त जीत हासिल की थी.

प्रमुख नेताओं की साख दांव पर लगी है

इस चरण में नीतीश सरकार के तीन मंत्रियों की भी साख दांव पर लगी है, इनमें मधुबन सीट से बीजेपी विधायक व सहकारिता मंत्री राणा रंधीर, गौड़ा बोराम से जेडीयू व मंत्री विधायक मदन सहनी और पटना साहिब से बीजेपी विधायक व मंत्री नंद किशोर यादव हैं. इस तरह से बीजेपी कोटे के दो और जेडीयू कोटे से एक मंत्री की साख दांव पर होगी.

लालू के पुत्र तेजस्वी यादव राघोपुर सीट से चुनाव मैदान में हैं जबकि उनके बड़े भाई और पूर्व मंत्री तेजप्रताप यादव समस्तीपुर के हसनपुर से लड़ रहे हैं. राजद से बाहुबलियों में रीतलाल यादव पटना की दानापुर सीट, जेल में बंद पूर्व सांसद आनंद मोहन के बेटे चेतन आनंद शिवहर से चुनाव मैदान में हैं जबकि पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह के बेटे रंधीर सिंह छपरा और भाई केदारनाथ सिंह बनियापुर से लड़ रहे हैं. वहीं, पूर्व सांसद रामा सिंह की पत्नी बीना सिंह वैशाली की महनार सीट से चुनाव मैदान में हैं.

दूसरे चरण में 94 विधानसभा सीटों पर जहाँ 3 नवंबर को वोटिंग होगी

पश्चिम चंपारण की नौतन, चनपटिया, बेतिया सीट. पूर्वी चंपारण की हरसिद्धि, गोविंदगंज, केसरिया, कल्याणपुर, पिपरा, मधुबन सीट. सीतामढ़ी जिले की सीतामढ़ी, रून्नीसैदपुर, बेलसंड. मधुबनी जिले की मधुबनी, राजनगर, झंझारपुर, फुलपरास सीट. दरभंगा जिले की कुशेश्वरस्थान, गौड़ाबौराम, बेनीपुर, अलीनगर, दरभंगा ग्रामीण सीट शामिल हैं. इसके अलावा मुजफ्फरपुर जिले की मीनापुर, कांटी, बरुराज, पारू, साहेबगंज सीट जबकि शिवहर जिले की शिवहर सीट शामिल है. पटना जिले की बख्तियारपुर, दीघा, बांकीपुर, कुम्हरार, पटना साहिब, फतुहा, दानापुर, मनेर और फुलवारी सीट है.

गोपालगंज जिले की बैकुंठपुर, बरौली, गोपालगंज, कुचायकोट, भोरे, हथुआ सीट. सिवान जिले की सिवान, जीरादेई, दरौली, रघुनाथपुर, दरौंदा, बड़हरिया, गौरेयाकोठी, महराजगंज और सारण जिले की एकमा, मांझी, बनियापुर, तरैया, मढ़ौरा, छपरा, गरखा, अमनौर, परसा, सोनपुर सीट शामिल है. ऐसे ही वैशाली जिले की हाजीपुर, लालगंज, वैशाली, महुआ, राघोपुर, राजापाकड़ सीटों पर मतदान होगा.

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