दिल्ली : विशेष संवाददाता
मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) राजीव कुमार 18 फरवरी को सेवानिवृत्त हो रहे हैं. राजीव कुमार (जन्म 19 फ़रवरी 1960) एक पूर्व भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारी हैं. 15 मई 2022 को उन्होंने सुशील चंद्रा के बाद भारत के 25वें मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में कार्यभार ग्रहण किया था. अब इस पद पर कौन होंगे, इसके लिए केंद्र सरकार ने खोज शुरू कर दी है.
केंद्र सरकार ने अगले मुख्य चुनाव आयुक्त के चयन के लिए कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल की अध्यक्षता में एक खोज समिति गठित की है. इस समिति में वित्त मंत्रालय और कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के सचिव भी सदस्य होंगे. नया कानून के अनुसार सीईसी और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति चयन समिति की सिफारिश पर राष्ट्रपति द्वारा की जानी है. अब तक जब भी मौजूदा मुख्य चुनाव आयुक्त सेवानिवृत्त होते थे, तो वरिष्ठतम चुनाव आयुक्त को सीईसी के पद पर नियुक्त किया जाता था, लेकिन पिछले साल सरकार ने नया क़ानून बनाया है. इसके तहत एक खोज समिति पांच सचिव स्तर के अधिकारियों के नामों का चयन करेगी, जिन्हें बाद में सीईसी और ईसी के रूप में नियुक्त करने के लिए विचार किया जाएगा. इसके बाद सीईसी और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति चयन समिति की सिफारिश पर राष्ट्रपति द्वारा की जाएगी.
मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त (नियुक्ति, सेवा की शर्तें और कार्यकाल) अधिनियम, 2023′ के तहत पहली बार सीईसी की नियुक्ति की जा रही है. इस अधिनियम के उपयोग करके पिछले साल चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और एस.एस. संधू की नियुक्ति में किया गया था, जो अनुप चंद्र पांडे और अरुण गोयल के सेवानिवृत्त होने और इस्तीफा देने के बाद पदों पर आए थे.
चयन समिति में प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में लोकसभा के विपक्षी नेता और प्रधानमंत्री द्वारा नामित एक केंद्रीय मंत्री होंगे. वर्तमान मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार के बाद ज्ञानेश कुमार सबसे वरिष्ठ चुनाव आयुक्त हैं, जिनका कार्यकाल 26 जनवरी 2029 तक है. सूत्रों के मुताबिक, यह खोज समिति 17 जनवरी को केंद्रीय कानून मंत्रालय की ओर से जारी आदेश तहत गठित की गई और यह संसद के बजट सत्र के दौरान 31 जनवरी से बैठक कर सकती है. संसद का बजट सत्र 31 जनवरी से 4 अप्रैल तक प्रस्तावित है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को आम बजट पेश करेंगी. सत्र का दूसरा चरण 10 मार्च से शुरू होगा.
जानिए राजीव कुमार का कार्यकाल कैसा रहा ?
मुख्य निर्वाचन आयुक्त के रूप में पदभार संभालने के तुरंत बाद, राजीव कुमार के नेतृत्व में वर्ष 2022 में 16वें राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनावों का सफलतापूर्वक संचालन हुआ. पिछले डेढ़ वर्षों के दौरान, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, मेघालय, नागालैंड, त्रिपुरा, कर्नाटक, मिजोरम, राजस्थान, तेलंगाना, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ सहित 11 राज्यों में 3 लाख से अधिक मतदान केंद्रों पर विधान सभा चुनाव आयोजित हुए. निर्वाचन आयुक्त के रूप में इनके कार्यकाल के दौरान कोविड महामारी के प्रकोप के बीच 2020 में बिहार राज्य की विधानसभा के लिए और मार्च-अप्रैल 2021 में असम, केरल, पुडुचेरी, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और हाल ही में वर्ष 2022 की शुरुआत में गोवा, मणिपुर, पंजाब, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश के चुनाव हुए.
