ग्वालियर : विवेक तिवारी
RSS प्रमुख मोहन भागवत बोले, हिन्दू के बिना भारत नहीं और भारत के बिना हिन्दू नहीं। भारत टूटा, पाकिस्तान हुआ क्योंकि हम इस भाव को भूल गए कि हम हिन्दू हैं, वहां के मुसलमान भी भूल गए। खुद को हिन्दू मानने वालों की पहले ताकत कम हुई फिर संख्या कम हुई इसलिए पाकिस्तान भारत नहीं रहा. मोहन भागवत ने कहा है कि समाज मे कोई अलग प्रभाव गुट खडा करना संघ का उद्देश्य नहीं है। संघ का काम समाज को संगठित और बेहतर बनाना है, संघ का काम श्रेष्ठ समाज गढ़ना है,इसके अलावा संघ कोई काम नही करेगा।
भागवत ने कहा कि हमे अपनी जिम्मेदारी का ठेका देने की आदत है पहले भगवान को देते थे अब कलयुग में भगवान तो आ नही सकते तो सरकार को देने लगे, लेकिन जब तक आप स्वयं जागरूक नही होंगे तब तक कुछ नही होगा, समाज को जागरूक बनाना संघ का काम है, पर ठेका संघ भी नही लेता है। भागवत ने कहा कि देश का भाग्य बदलना आसान नही है, देश का भाग्य बदलने में सदियों की तपस्या लगती है। 1947 में आजादी मिली, लेकिन इसके लिए प्रयास 1857 से शुरू हुए थे। इस देश को बनाना है तो लंबी साधना करनी पड़ेगी, सबको जोड़कर ये काम होगा। देश हित के लिए जीने मरने का संकल्प लेकर काम करने से ही देश बनेगा,
” स्वर साधक संगम” को लेकर भागवत ने कहा कि ऐसे आयोजन का उद्देश्य स्वयं सेवक की गुणवत्ता बढ़ाना है। संघ अपने स्वयं सेवक में संगीत विधा और गुणवत्ता को बढाने के लिए ऐसे आयोजन करता है। वाहवाही लूटने का काम संघ का नहीं है। भागवत ने कहा कि संगीत केवल मनोरंजन का साधन नही है। भारत मे संगीत मन को शांत करने वाली कला है, जबकि पश्चिम में संगीत रोमांच पैदा करने वाली कला है। संघ देशभक्ति और मन को शांति देने वाले संगीत तैयार करता है। भारत के संगीत में समाज को जोड़ने वाले गुण है. कार्यक्रम में पद्म विभूषण उस्ताद अमजद अली खां भी मौजूद रहे। मोहन भागवत ने अमजद अली खान को शिविर के समापन में आने का निमंत्रण दिया था। अमजद अली खां ने कहा कि मेरे लिए बड़े सौभाग्य की बात है मुझे इस कार्यक्रम में आने का मौका मिलामोहन भागवत जी बड़े विद्वान आदमी है। ग्वालियर आना मेरे लिए तीर्थ स्थान जैसा जगह है मियां तानसेन यहां पैदा हुए, उस शहर से हम दुनियां भर में प्यार मोहब्बत और संगीत का मैसेज दे रहे हैं।