न्यूज़ डेस्क
कोरोना काल में भारत का विकास दर बुरी तरह से प्रभवित हुआ है. मंदी की मार का असर भारत में व्यापक रूप में पड़ा है. आज सरकार ने ताजा आंकड़ा जारी किया जो चिंता का विषय है. वित्त वर्ष 2020-21 की दूसरी यानी सितंबर तिमाही में जीडीपी ग्रोथ निगेटिव में 7.5 फीसदी रही है. वित्त वर्ष की पहली यानी जून की तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था में करीब 24 फीसदी की भारी गिरावट आ चुकी है.
नेशनल स्टैटिस्टिकल ऑफिस आज सितंबर तिमाही के लिए GDP के डाटा जारी कर दिए है. FY-2021 की सितंबर तिमाही में भारत की GDP ग्रोथ -7.5 फीसदी रही. इसी के साथ भारतीय अर्थव्यवस्था तकनीकी तौर पर मंदी में फंस गई है. अगर हम 8 कोर सेक्टर की बात करें तो अक्टूबर 2020 में इंडस्ट्रियल ग्रोथ -2.5 फीसदी रही है. इससे पहले सितंबर 2020 में इसकी ग्रोथ-0.8 फीसदी थी.
कोरोना वायरस संकट के बीच 27 नवंबर यानी शुक्रवार को दूसरी बार जीडीपी ग्रोथ के आंकड़े आ गए हैं. वित्त वर्ष 2020-21 की दूसरी यानी सितंबर तिमाही में जीडीपी ग्रोथ निगेटिव में 7.5 फीसदी रही है. वित्त वर्ष की पहली यानी जून की तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था में करीब 24 फीसदी की भारी गिरावट आ चुकी है. अगर पहली तिमाही से तुलना करें तो अर्थव्यवस्था को रिकवरी मिली है, लेकिन इसके बावजूद निगेटिव ग्रोथ इकोनॉमी के लिए सही संकेत नहीं हैं. कोर सेक्टर की बात करें तो अक्टूबर में ग्रोथ -2.5 फीसदी रही, जो सितंबर के 0.8% के मुकाबले कम है.
आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल से अक्टूबर 2020 के बीच कोर सेक्टर की ग्रोथ-13 फीसदी रही. पिछले साल इसी दौरान इसकी ग्रोथ 0.3 फीसदी थी. फिस्कल ईयर 2021 की जुलाई-सितंबर तिमाही में इंडिया का ग्रॉस वैल्यू एडेड (GVD)-7 फीसदी रहा.
RBI ने अनुमान लगाया था कि GDP के डाटा सितंबर तिमाही में -8.6 फीसदी रह सकते हैं. वहीं SBI ने इसके -10.7 फीसदी रहने का अनुमान जताया था. SBI की रिपोर्ट के मुताबिक, बिजनेस एक्टिविटी इंडेक्स में सुधार से सितंबर तिमाही में GDP ग्रोथ -10.7 फीसदी रह सकती है.
SBI की रिपोर्ट के मुताबिक, नवंबर में GST कलेक्शन 1.08 लाख करोड़ रुपए रह सकता है जो पिछले 10 महीनों में सबसे ज्यादा है. इससे पहले अक्टूबर में GST कलेक्शन 1.05 लाख करोड़ रुपए था.