चंपत राय बोले, अगले साल 1 जनवरी से 14 जनवरी के बीच अयोध्या में भगवान रामलला गर्भ गृह में विराजमान हो जाएंगे

Ram Mandir establishment date announced

अयोध्या : विक्रम राव

राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने आज कहा कि 1 जनवरी से 14 जनवरी 2024 के मकर संक्रांति तक भगवान रामलला गर्भ गृह में विराजमान हो जाएंगे और दिसंबर 2023 तक मंदिर के प्रथम तल का काम पूरा हो जाएगा. त्रिपुरा में पिछले दिनों भाजपा की जन विश्वास यात्रा की सभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की तारीख का ऐलान किया था. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ऐलान किया है कि अयोध्या में भगवान राम का मंदिर 1 जनवरी 2024 तक बनकर तैयार हो जाएगा.

अयोध्या में मीडिया को राम मंदिर निर्माण कार्य को मीडिया को दिखाकर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि भगवान राम लला का विग्रह साढ़े पांच फीट का होगा. पहला ट्रायल सफल भी हो गया है. आगे 1 जनवरी से 14 जनवरी 2024 के मकर संक्रांति तक भगवान रामलला गर्भ गृह में विराजमान हो जाएंगे, इस साल दिसंबर 2023 तक मंदिर के प्रथम तल का काम पूरा हो जाएगा. चंपत राय ने बताया कि ग्राउंड फ्लोर पर 170 खंभे बनने शुरू हो गए हैं, गर्भ गृह से फर्श से राम के ललाट की ऊंचाई 8 फीट 7 इंच होगी, रामनवमी के दिन भगवान के जन्मदिन पर सूर्य की किरणें सीधे रामलला को स्पर्श करेंगी, मुख्य मंदिर के गर्भगृह की दीवारें और परिक्रमा की दीवारें 11 फीट 10 इंच तैयार हो चुकी है, जबकि 5 फीट की और ऊंचाई के बाद बीम रखने का कार्य शुरू होगा. दरअसल राममंदिर के पक्ष में फैसला आये हुए करीब दो वर्ष का समय बीत गया है और राम मंदिर निर्माण की प्रगति को लेकर चर्चाएं आम है.

रामनवमी पर सूर्य की किरणें सीधे रूप में रामलला का स्पर्श करेंगी

चंपत राय ने कहा कि अभी तक जो तैयारी है उसके मुताबिक प्राण प्रतिष्ठा का काम 1 जनवरी से 14 जनवरी के बीच करने की योजना है. अयोध्या राम मंदिर निर्माण का कार्य तेजी पर है. तीन तल, पांच शिखर में बन रहे राम मंदिर के नींव और फर्श का कार्य पूरा हो गया है, जबकि मुख्य मन्दिर के गर्भगृह की दीवारें और परिक्रमा की दीवारें 11 फिट 10 इंच तक तैयार हो चुकी हैं. 5 फिट की और ऊंचाई के बाद बीम रखने का कार्य शुरू हो जाएगा. इस ऊंचाई की खास बात ये है कि चैत्र रामनवमी यानी भगवान के जन्म दिवस पर सूर्य की किरणें सीधे रूप में रामलला का स्पर्श करेंगी. मंदिर के दक्षिण दिशा में तीर्थ यात्री सुविधा केंद्र, मंदिर के पश्चिम दिशा में सीवर ट्रीटमेंट प्लांट, पावर रिसीविंग स्टेशन और सब स्टेशन का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है.

Jetline

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