लोकसभा में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बोले हम एक इंच भी जमीन किसी को नहीं देंगे

डॉ निशा सिंह

भारत-चीन की सीमा पर पिछले कुछ दिनों में गतिरोध कम हुआ है. आज रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संसद में कहा कि पूर्वी लद्दाख के पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी किनारों से सेनाओं को पीछे हटाए जाने को लेकर भारत और चीन के बीच सहमति बनी है. इससे पहले बुधवार को चीन के रक्षा मंत्रालय ने कहा था कि भारत और चीन की सेना पीछे हट रही है. अब इस डिसइंगेजमेंट का वीडियो सामने आया है। राजनाथ सिंह ने लोकसभा में कहा कि चीन अपनी सेनाओं को फिंगर 8 से पीछे की तरफ रखेगा. भारत और चीन के बीच 3 सिद्धांतों के आधार पर समझौता हुआ है.

रक्षा मंत्री ने कहा कि हमारे सशस्त्र बलों ने एकतरफा चीनी कार्रवाई का करारा जवाब दिया और पैंगोंग त्सो के दक्षिण और उत्तर दोनों किनारों पर वीरता और साहस दिखाया है. कई रणनीतिक बिंदुओं की पहचान की गई और हमारे सैनिकों ने हमारे दृष्टिकोण से बहुत महत्वपूर्ण स्थानों पर खुद को तैनात किया. उन्होंने कहा कि मैं इस सदन को आश्वस्त करना चाहता हूं कि चीन से बातचीत में हमने कुछ भी खोया नहीं है. सदन को यह जानकारी भी देना चाहता हूं कि अभी भी LAC पर पेट्रोलिंग के बारे में कुछ मुद्दे बचे हैं, जिनपर हमारा ध्यान आगे की बातचीत में रहेगा.

राजनाथ सिंह ने कहा है पैंगोग लेक क्षेत्र में चीन के साथ डिसइंगेजमेंट का जो समझौता हुआ है उसके अनुसार दोनों पक्ष अग्रिम सेनाओं को क्रमिक तरीके से पीछे हटाएंगे. चीन अपनी सेना की टुकडि़यों को उत्तरी किनारे में Finger 8 के पूरब की दिशा की तरफ रखेगा और इसी तरह भारत भी अपनी सेना की टुकडि़यों को Finger 3 के पास अपने स्थाई बेस धन सिंह थापा पोस्ट पर रखेगा. इसी तरह की कार्रवाई दक्षिणी किनारे के क्षेत्र में भी दोनों पक्षों द्वारा की जायेगी. ये कदम आपसी समझौते के तहत बढ़ाए जाएंगे तथा जो भी निर्माण आदि दोनों पक्षों द्वारा अप्रैल 2020 से इस क्षेत्र में किया गया है, उन्‍हें हटा दिया जाएगा और पुरानी स्थिति बहाल कर दी जाएगी.

रक्षा मंत्री ने कहा कि एकता, अखंडता और सुरक्षा के प्रश्न पर देश एक साथ खड़ा है और एक स्वर से समर्थन करता है कि यही सन्देश केवल भारत की सीमा तक ही सीमित नहीं रहेगा, बल्कि पूरे विश्व को जायेगा. भारतीय सेना ने वीडियो जारी किया है. जिसमें चीन के टैंक फिंगर 8 की ओर लौट रहे हैं. भारतीय सेना भी अपनी पोस्ट पर लौट रही है. 24 जनवरी को दोनों देशों के सैन्य कमांडरों के बीच बातचीत में सहमति बनी थी.

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