न्यूज डेस्क
राहुल गांधी आज, सोमवार को दो दिनों के श्रीनगर दौरे पर पहुंचेंगे. जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटने के बाद राहुल गांधी का यह पहला श्रीनगर दौरा है. आपको बता दें कि इससे पहले अगस्त 2019 में धारा 370 हटाए जाने के दो हफ्ते बाद हालात का जायजा लेने राहुल गांधी विपक्षी नेताओं के प्रतिनिधिमंडल के साथ श्रीनगर पहुंचे थे, लेकिन तब प्रशासन ने सभी विपक्षी नेताओं को एयरपोर्ट से ही वापस लौटा दिया था.
सोमवार का कार्यक्रम
सोमवार शाम 6 बजे राहुल गांधी श्रीनगर पहुंचेंगे. देर शाम वो जम्मू कश्मीर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गुलाम अहमद मीर के बेटे-बहु के रिसेप्शन में शामिल होंगे.
मंगलवार का कार्यक्रम
मंगलवार को सबसे पहले सुबह 9 बजे राहुल खीर भवानी मंदिर के दर्शन करेंगे. खीर भवानी मंदिर श्रीनगर से एक घन्टे की दूरी पर गांदरबल में स्थित है. इसके बाद राहुल गांधी श्रीनगर स्थित हजरत बल मस्जिद जाएंगे. दोनों ही बड़े धार्मिक स्थल हैं. संभावना जताई जा रही है कि राहुल गुरुद्वारा छठी पादशाही और सन्त शेख हमजा मखदूम की मजार पर भी जा सकते हैं. धार्मिक स्थलों पर मत्था टेकने के बाद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी दोपहर करीब 12 बजे जम्मू कश्मीर कांग्रेस के नए दफ्तर का उद्घाटन करेंगे और इसके बाद पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करेंगे. सूत्रों के मुताबिक राहुल मीडिया से मुखातिब भी हो सकते हैं. देर शाम राहुल गांधी दिल्ली लौट जाएंगे.
राहुल का कश्मीर दौरा इन कारणों से खास है
राहुल गांधी का यह दौरा इसलिए अहम है, क्योंकि 370 खत्म होने के बाद वे पहली श्रीनगर में जाएंगे. मोदी सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 हटाए जाने को कांग्रेस ने असंवैधानिक करार दिया था. कांग्रेस जम्मू कश्मीर को राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग करती रही है. हालांकि 370 पुनर्बहाली को लेकर कांग्रेस का रुख स्पष्ट नहीं है. हाल में ही कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह का बयान सामने आया था कि केंद्र की सत्ता में वापस आने के बाद कांग्रेस 370 फिर से बहाल करने पर विचार कर सकती है. हालांकि, कांग्रेस ने अधिकारिक तौर पर दिग्विजय सिंह के बयान से दूरी बना ली थी.
ऐसे में राहुल गांधी के श्रीनगर दौरे में नजरें इस बात पर रहेंगी कि अनुच्छेद 370 खत्म होने के दो साल बाद जम्मू कश्मीर की स्थिति को लेकर राहुल का बयान देते हैं और सबसे अहम 370 पुनर्बहाली को लेकर राहुल गांधी का रुख क्या रहता है. आपको बता दें कि 5 अगस्त 2019 को मोदी सरकार ने जम्मू कश्मीर के लिए विशेष प्रावधान वाला अनुच्छेद 370 खत्म करते हुए जम्मू कश्मीर राज्य को विभाजित कर जम्मू कश्मीर और लद्दाख के रूप में दो केंद्र शाषित प्रदेश का गठन कर दिया था.