दिल्ली : वरिष्ठ संवाददाता
राफेल लड़ाकू विमानों की नई खेप आज फ्रांस से भारत पहुंच रही है। तीन राफेल लड़ाकू विमान आज शाम सात बजे के करीब अंबाला के एयरबेस पर लैंड करेंगे. ये तीनों विमान विमान फ्रांस से भारत की दूरी बिना रुके तय करेंगे. इसके लिए यूएई के आसमान में ही तीनों विमानों में एयर टू एयर रिफ्यूलिंग की जाएगी, यानी उड़ान के दौरान आसमान में ही ईंधन भरा जाएगा. भारत और फ्रांस के बीच 36 राफेल लड़ाकू विमान की डील है. भारत में फ्रांसीसी दूत इमैनुअल लेनिन ने कहा है कि कोरोना के बावजूद 2022 तक तय समय में सारे लड़ाकू विमान भारत को सौंप दिए जाएंगे.
फ्रांसीसी दूत लेनिन ने कहा है कि “अभी 21 राफेल भारत को दिए गए हैं. 11 पहले से ही भारत को दिए गए. 3 अभी उड़ान भड़ने वाले हैं. अप्रैल अंत तक पांच और दे दिए जाएंगे.” अनुबंध के अनुसार 2022 तक सभी 36 विमानों को भारत को सौंप दिया जाएगा. लद्दाख में भारत-चीन के विघटन पर भारत के लिए फ्रांसीसी दूत लेनिन ने कहा, “हमें डी-एस्केलेशन देखने की उम्मीद है. हमें लगता है कि किसी भी देश के पास विस्तारवादी नीति का अधिकार नहीं है.”
29 जुलाई को भारत पहुंची थी राफेल की पहली खेप
राफेल विमानों की पहली खेप 29 जुलाई 2020 को भारत पहुंची थी. लगभग छह सप्ताह बाद इन विमानों को भारतीय वायु सेना में शामिल करने के लिए एक समारोह आयोजित किया गया था. रक्षा मंत्री ने कहा कि करीब चार साल पहले भारत ने फ्रांस से 59,000 करोड़ रुपये की लागत से 36 राफेल विमान खरीदने के लिए एक समझौता किया था. दूसरी खेप में तीन नवंबर को तीन और तीसरी खेप में 27 जनवरी को तीन अन्य राफेल विमान भारत आए. रूस से सुखोई जेट विमानों की खरीदी के 23 साल बाद राफेल के रूप में भारत ने लड़ाकू विमानों की बड़ी खरीद की है. इन विमानों का पहला स्क्वाड्रन अंबाला वायु सेना स्टेशन में तैनात है और दूसरा स्क्वाड्रन पश्चिम बंगाल के हासिमारा वायु सेना स्टेशन पर तैनात होगा.