रामनाथ कोविंद 29 अगस्त को अयोध्या जाएंगे, रामलला का दर्शन करनेवाले पहले राष्ट्रपति होंगे

लखनऊ : विक्रम राव

लखनऊ से 29 अगस्त को सुबह नौ बजे स्पेशल प्रेसीडेंशियल ट्रेन से अयोध्या जाएंगे. वहां रामलला के दर्शन के बाद रामायण कॉन्क्लेव का उद्घाटन करेंगे. वे यहां करीब चार घंटे तक रहकर विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल होने के साथ मंदिरों में दर्शन, पूजन भी करेंगे.‍ ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि रामनाथ कोविंद स्‍वतंत्र भारत के इतिहास के पहले राष्ट्रपति हैं जो अयोध्‍या आकर रामलला के दर्शन करेंगे. 30 अगस्‍त को वह दिल्ली रवाना हो जाएंगे.

राष्ट्रपति अयोध्या भ्रमण कार्यक्रम के दौरान जहां रामायण कॉन्क्लेव का शुभारंभ करेंगे. 2 बजे से 3 बजे के बीच हनुमानगढ़ी, रामजन्मभूमि परिसर में विराजमान रामलला का दर्शन करेंगे. इसके बाद वे रामजन्‍म भूमि परिसर की वाटिका में पौधरोपण भी करेंगे. रामायण कॉन्क्लेव का शुभारंभ राष्‍ट्रपति 12 बजे करेंगे. यह कॉन्क्लेव अयोध्या से शुरू होकर प्रदेश के 17 जिलों में 1 नवंबर तक चलेगा.‍ अयोध्या शोध संस्‍थान के प्रशासनिक अधिकारी राम तीरथ के मुताबिक राष्‍ट्रपति का स्‍वागत 11 मंचों पर आयोजित विविध शैली के लोक नृत्‍यों व रामलीलाओं से किया जाएगा. उन्होंने बताया कि ये मंच रेलवे स्‍टेशन, श्रीराम अस्‍पताल, बिड़ला धर्मशाला, राज सदन, हनुमानगढ़ी, तुलसी उद्यान, नयाघाट चौराहा, रामकथा पार्क मोड पर बनाए जा रहे हैं.

एडीजी सुरक्षा बीके सिंह ने बताया कि 29 अगस्त को अयोध्या में राष्ट्रपति का कार्यक्रम है. अयोध्या में पहले भी कार्यक्रम होते रहे हैं. पिछले वर्ष इसी समय प्रधानमंत्री का कार्यक्रम हुआ था. राष्ट्रपति के कार्यक्रम के मद्देनजर पूरी दुरुस्त व्यवस्था है और एक गरिमा मई कार्यक्रम जिस तरीके से होना चाहिए उसको संपादित कराया जाएगा. ऐसी व्यवस्था स्थानीय प्रशासन ने की है कि राष्ट्रपति के दौरे के मद्देनजर आम जनमानस को कम-से-कम समस्या का सामना करना पड़े.

राम मंदिर की बुनियाद का काम पूरा, अक्टूबर से शुरू होगा ग्राउंड फ्लोर का निर्माण

अयोध्या में बनने वाले भव्य राम मंदिर की नींव का कार्य लगभग पूरा हो चुका है. इसके बाद निर्माण कार्य की रूपरेखा और योजना पर मंथन के लिए राम मंदिर निर्माण समिति की दो दिवसीय बैठक शुक्रवार को शुरू हुई. राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र की अध्यक्षता में हुई बैठक में आगे की कार्य योजना पर मंथन हुआ. इस दौरान राष्ट्रपति के राम मंदिर दर्शन को लेकर भी चर्चा हुई. राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय कहते हैं कि वह स्वतंत्र भारत के पहले राष्ट्रपति हैं, जो अयोध्या में राम मंदिर का दर्शन करने आ रहे हैं. लेकिन हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि वह भारत वर्ष के प्रथम नागरिक हैं और उनके साथ सुरक्षा की कुछ परंपराएं भी हैं. अगर मुझसे कहा जाएगा और जो मुझसे कहा जाएगा, वह मैं करूंगा. चंपत राय इस सवाल का जवाब दे रहे थे कि क्या श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट राष्ट्रपति को राम मंदिर निर्माण कार्य की चरणबद्ध प्रक्रियाओं को समझाएगा और क्या आप उस समय मौजूद रहेंगे.

श्री राम मंदिर निर्माण समिति की बैठक यूं तो शुरुआत से ही लगभग हर महीने होती है, लेकिन इस बार की बैठक 27 और 28 अगस्त को हो रही है. तारीखों के लिहाज से यह इसलिए महत्वपूर्ण हो जाता है कि 29 अगस्त को इतिहास के ऐसे पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद होने जा रहे हैं, जो अयोध्या में आकर रामलला के दर्शन करेंगे और दूसरी बात यह कि राम मंदिर की नींव का कार्य लगभग पूरा हो चुका है और अब बुनियाद का फाउंडेशन तैयार करने के बाद ग्राउंड फ्लोर के निर्माण का कार्य शुरू हो जाएगा. राम मंदिर के ग्राउंड फ्लोर का कार्य 2024 तक पूरा हो जाएगा और 2024 में ही रामलला अस्थाई मंदिर से भव्य और दिव्य मंदिर में विराजमान हो जाएंगे और इसी वर्ष दर्शन पूजन भी शुरू हो जाएगा.

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