दिल्ली : वरिष्ठ संवाददाता
Power Crisis in India: आधे भारत में अब बिजली का संकट मंडरा रहा है. आधे भारत में बिजली की भारी किल्लत है. कोयले की कमी ने सरकारों के सामने मुश्किल पैदा कर दी है. बिहार, झारखंड, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश के साथ-साथ राजधानी भी इस समस्या से अछूती नहीं है. दिल्ली में बिजली उत्पादित करने वाले तीन प्लांट्स में एक दिन का कोयला बचा है. ये समस्या तब है जब भारत दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा कोयला उत्पादक देश है. दिवाली तक इस बिजली संकट की आशंका जताई जा रही है.
आखिर राजधानी दिल्ली में क्यों गहराया बिजली संकट ?
बता दें कि दिल्ली में प्रतिदिन औसतन डिमांड 4000 मेगावाट है, जिसमें से 1200 मेगावाट बिजली की आपूर्ति 3 गैस प्लांट्स से होती है. शेष 3000 मेगावाट की आपूर्ति हाइड्रो पॉवर प्लांट्स टिहरी, नखटक्का और भाखड़ा से भी होती है. जानकारों का कहना है कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान खदानें प्रभावित हुईं, हालांकि इस दौरान बिजली उत्पादन होता रहा, लेकिन कोरोना काल में खदानों की प्री-मानसून तैयारियां- खदानों में पानी निकालने की मशीनें लगाना, ड्रेनेज सिस्टम की मरम्मत आदि काम नहीं हो पाया जिससे कोयला खदानों में बारिश के कारण पानी भरने से भी मुश्किलें पैदा हुईं. दूसरी ओर कोरोना काल के बाद नुकसान की भरपाई के लिए इंडस्ट्रीज में ओवरवर्क हुआ जिससे बिजली की खपत और बढ़ गई.
सीएम अरविंद केजरीवाल ने चिट्ठी लिखकर केंद्र सरकार से इस समस्या के समाधान करने की अपील की है. केजरीवाल ने केंद्र से कहा है कि दिल्ली को बिजली देने वाले प्लांट्स में मात्र एक दिन का कोयला स्टॉक में बचा है.
केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह ने कहा- सब झूठ है
Coal Crisis in India : देश में जारी बिजली संकट के बीच केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह ने कहा है कि हमारे पास कोयले का पूरा स्टॉक है. बिजली संकट को लेकर बेवजह बातें बनाई जा रही है. इस बात में कोई सच्चाई नहीं है. देश की राजधानी दिल्ली में भी बिजली संकट नहीं है. राजधानी को पूरी बिजली मिलती रहेगी. इस पर हमारी नजर बनी हुई है. लोगों को बिजली को लेकर चिंता करने की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि हमने आज सभी पदाधिकारियों की बैठक बुलाई थी. दिल्ली में जितनी बिजली की आवश्यकता है, उतनी बिजली की आपूर्ति की जा रही है. राजधानी में बिजली की आपूर्ति होती रहेगी.