असम : मुख्यमंत्री ने कहा, गरीबी दूर करने के लिए कम करें जनसंख्या,अपनाएं परिवार नियोजन

न्यूज़ डेस्क

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने आज अल्पसंख्यक समुदाय यानी मुसलमानों से गरीबी कम करने के लिए जनसंख्या नियंत्रण के लिए “सभ्य परिवार नियोजन नीति” अपनाने का आग्रह किया है. मुख्यमंत्री ने अपनी सरकार के 30 दिन पूरे होने के अवसर पर कहा कि समुदाय के सभी लोगों को आगे आना चाहिए और समुदाय में गरीबी को कम करने में सरकार का समर्थन करना चाहिए, जो मुख्य रूप से जनसंख्या में निरंतर वृद्धि के कारण है.

आपको बता दें कि 21.9 करोड़ मुस्लिम आबादी के साथ अभी इंडोनेशिया जनसंख्या के मामले में पहले पायदान पर है. 19.4 करोड़ आबादी के साथ भारत दूसरे स्थान पर है. मुस्लिमों की कुल आबादी का 2.75 फीसदी हिस्सा ग्रेजुएट या उससे ज्यादा शिक्षित, जिसमें महिलाओं की भागीदारी 36.65 प्रतिशत है.

मुख्यमंत्री ने कहा, “सरकार सभी गरीब लोगों की संरक्षक है, लेकिन उसे जनसंख्या वृद्धि के मुद्दे से निपटने के लिए अल्पसंख्यक समुदाय के समर्थन की जरूरत है जो गरीबी, अशिक्षा और उचित परिवार नियोजन की कमी का मूल कारण है.” सरमा ने कहा कि उनकी सरकार समुदाय की महिलाओं को शिक्षित करने की दिशा में काम करेगी ताकि समस्या से प्रभावी ढंग से निपटा जा सके.

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार मंदिर, सतरा और वन भूमि पर अतिक्रमण नहीं होने दे सकती है. अल्पसंख्य समुदाय के सदस्यों ने भी सरकार को आश्वासन दिया है कि वे इन जमीनों का अतिक्रमण नहीं चाहते हैं. मुख्यमंत्री ने अल्पसंख्यक समुदाय के नेताओं से आत्मनिरीक्षण करने और लोगों को जनसंख्या नियंत्रण का अभ्यास करने के लिए प्रोत्साहित करने का आग्रह किया. आपको बता दें कि हिमंत बिस्व सरमा ने हाल ही में असम के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली है. इससे पहले वह सोनोवाल की नेतृत्व वाली सरकार में शिक्षा और स्वास्थ्य मंत्री थे. सरमा ने बतौर शिक्षा मंत्री राज्य में मदरसों को बंद करने का फैसला किया था.
चालीस साल बाद भारत सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी वाला देश बन जाएगा.

40 साल बाद भारत सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी वाला देश बन जाएगा

अमेरिकी थिंक टैंक प्यू रिसर्च सेंटर के मुताबिक चालीस साल बाद भारत सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी वाला देश बन जाएगा. 2060 में भारत की मुस्लिम आबादी 33 करोड़ हो जाएगी, जो वर्तमान में अभी 19.4 करोड़ है. यानी दुनिया की कुल मुस्लिम आबादी में भारत का योगदान 11 फीसद होगा. वहीं पाकिस्तान 28.36 करोड़ मुस्लिम आबादी के साथ दूसरे स्थान पर पहुंच जाएगा. 2060 तक पाकिस्तान की कुल आबादी में 96.5 फीसद आबादी मुस्लिम होगी, जबकि दुनिया की कुल मुस्लिम आबादी में पाकिस्तान का योगदान 9.5 फीसद होगा. नाइजीरिया की मुस्लिम आबादी 28.31 करोड़ होगी और मुस्लिम आबादी वाले देशों की सूची में यह तीसरे स्थान पर आ जाएगा. वहीं इस सूची में चौथे स्थान पर इंडोनेशिया होगा जिसकी मुस्लिम आबादी 25.34 करोड़ होगी.

कुल मिलाकर, दुनिया में ईसाई आबादी 2.3 अरब है और मुस्लिम आबादी 1.8 अरब है. प्यू रिसर्च के अनुमान के मुताबिक 2060 तक यह फर्क कम हो जाएगा. 2060 तक दुनिया में 3 अरब ईसाई और करीब 3 अरब ही मुस्लिम आबादी होगी. इसकी एक वजह ये है कि ईसाइयों की तुलना में मुस्लिम आबादी युवा है और उनकी वृद्धि दर ज्यादा है.

भारत में 42.72 प्रतिशत से अधिक मुसलमान अनपढ़ हैं

2011 की जनगणना के आंकड़े बताते हैं कि भारत में 42.72 प्रतिशत से अधिक मुसलमान अनपढ़ हैं और सबसे कम निरक्षर सिर्फ 13.57 फीसदी जैन समुदाय के लोग हैं. यह भी अजीब इत्तेफाक है कि सबसे कम पढ़े लिखे और सबसे अधिक पढ़े लिखे, दोनों ही अल्पसंख्यक हैं. देश में 25.7 प्रतिशत जैन समुदाय के लोग ग्रैजुएट हैं जबकि मुसलमानों में इनका फीसद सिर्फ 2.8 है. ईसाइयों में 8.8 फीसदी लोग ग्रैजुएट हैं और सिक्ख 6.4 प्रतिशत ग्रैजुएट हैं.
भारत की आबादी में मुसलमान 14.23 फीसदी हैं जबकि भिखारियों की आबादी में उनकी हिस्सेदारी 24.9 प्रतिशत बनती है. सच्चर आयोग की रिपोर्ट पहले ही बता चुकी है कि भारत में मुसलमानों की हालत दलितों से भी बदतर हो चुकी है.

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