जनसंख्या नियंत्रण कानून : लोकसभा में 23 जुलाई को बिल पेश होगा, गठबंधन के नेता नीतीश कुमार सहमत नहीं

न्यूज़ डेस्क

19 जुलाई से शुरू हो रहे संसद के मानसून सत्र में केंद्र सरकार की तरफ से 23 विधेयक पास कराने की कोशिश की जाएगी, जिसमें 17 नए बिल हैं. इन 17 विधेयकों में से 3 विधेयक अध्यादेश को बदलने के लिए लाए जाएंगे. ये तीन अध्यादेश हैं- द इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (संशोधन) विधेयक, 2021; आवश्यक रक्षा सेवा विधेयक, 2021; राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग विधेयक, 2021. इसी बीच खबर है कि गोरखपुर सांसद रवि किशन 23 जुलाई को लोकसभा में जनसंख्या नियंत्रण पर प्राइवेट बिल पेश करेंगे. इस मामले पर राजनीति भी शुरू हो गयी है. विपक्ष इस मामले पर योगी और मोदी को घेरने में जुटी है.

इधर नीतीश कुमार ने कहा कि अगर महिलाएं पढ़ी लिखी होंगी तो उनके अंदर ज्यादा जागृति होगी और प्रजनन दर अपने आप घटेगी. हालांकि, उन्हीं की सरकार में उपमुख्यमंत्री और बीजेपी नेता रेणु देवी नीतीश कुमार के इस विचार से सहमत नहीं हैं कि केवल महिलाओं के शिक्षित होने से ही जनसंख्या नियंत्रण संभव है.

बिहार के सीएम नीतीश ने कहा कि

“चीन में पहले एक, फिर दो बच्चों की बात, अब क्या हो रहा है. मेरा साफ मानना है कि महिलाएं अगर पढ़-लिख जाएंगी, तो अपने आप नियंत्रण हो जाएगा. मुझे लगता है कि 2040 तक बिहार में जनसंख्या पर नियंत्रण हो जाएगा.”

नीतीश कुमार के इस बयान से साफ जाहिर हो रहा है कि जनसंख्या कानून को लेकर एनडीए के भीतर ही गहरे मतभेद हैं. हालांकि, अब जदयू के भीतर भी इसको लेकर एकमत न होने की बात सामने आ रही है. वहीं, बिहार में सहयोगी भाजपा भी नीतीश की बातों से सहमत नहीं है. बिहार की उपमुख्यमंत्री रेणु देवी ने सीएम नीतीश कुमार के इस बयान पर कहा है कि जनसंख्या नियंत्रण के लिए महिलाओं से ज्यादा पुरुषों को जागरूक करने की जरूरत है. डिप्टी सीएम ने कहा कि पुरुषों के अंदर जनसंख्या नियंत्रण करने के लिए नसबंदी को लेकर भी काफी डर के स्थिति है. बिहार के कई जिलों में तो नसबंदी की धर्म मात्र एक प्रतिशत ही है

यूपी के सीएम योगी ने कहा- कानून पर न हो पॉलिटिक्स

योगी आदित्यनाथ कहा कि जनसंख्या नियंत्रण केवल और केवल जागरूकता से ही हो सकता है. उन्होंने कहा कि हर निर्णय या योजना को राजनीतिक चश्मा लगाकर नहीं देखा जा सकता है. हमारी हर योजना के पीछे राज्य में खुशहाली लाना है. सीएम योगी आदित्यनाथ ने जनसंख्या नीति पर आगे कहा कि 21-30 की नीति को 2016 या 17 में तो नहीं लाता. विपक्ष हर वर्ग को गरीब रखना चाहता है, पिछले 7 सालों में केंद्र सरकार की सभी योजना के पीछे लोक कल्याण की भावना है. योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अगले 10 साल की जनसंख्या नीति घोषित करने के पीछे कई ठोस कारण हैं. उन्होंने कहा कि विकास के सही संतुलन के लिए ये जरूरी है. साथ ही बच्चे और मां के विकास के लिए जनसंख्या कंट्रोल बेहद आवश्यक है. आबादी में संतुलन से ही कुपोषण को रोका जा सकता है. जनसंख्या नीति का मकसद किसी के खिलाफ नहीं है ये केवल हर घर में खुशहाली लाने की पहल है. इसके साथ ही उन्होंने जानकारी दी कि जनसंख्या नीति का ड्राफ्ट तैयार हो गया है.

Jetline

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *