दिल्ली: वरिष्ठ संवाददाता
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 10 फरवरी सोमवार को लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर जवाब देने वाले हैं. इसमें प्रधानमंत्री एक एक बार फिर से किसान आंदोलन को खत्म करने की अपील करते देखे जा सकते हैं. फिलहाल राज्यसभा में दिए गए भाषण से साफ है कि मोदी सरकार अभी कृषि कानूनों पर जल्द हाथ पीछे खींचने को तैयार नहीं है, क्योंकि पिछले सोमवार को राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर बोलते हुए पीएम तीनों कृषि कानूनों को किसानों के लिए लाभकारी बता चुके हैं.
पीएम मोदी ने पिछले सोमवार को ही राज्यसभा में संबोधन दिया था. गौरतलब है कि संसद के बजट सत्र में लगातार पिछले चार दिनों से नए कृषि कानूनों पर अलग से चर्चा की मांग को लेकर हंगामा हुआ है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सदन हर साल राष्ट्रपति के अभिभाषण पर अपना धन्यवाद व्यक्त करता है और विपक्षी सदस्य भी इस बात पर सहमत हैं कि ‘स्वस्थ लोकतांत्रिक परंपराओं’ को जारी रखना चाहिए. राज्यसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसान आंदोलन से लेकर कोरोना से लड़ाई और वैक्सीन से जुड़ी कई बातों का जिक्र किया. उन्होंने किसानों को विश्वास दिलाया कि तीनों कृषि कानून पूरी तरह से किसानों के हित में हैं. मोदी ने कहा है कि इस कानून के जरिए देश के 12 करोड़ से ज्यादा छोटे किसानों को सीधा फायदा मिलेगा. इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि वह आंदोलनकारी किसानों के साथ हर संभव बातचीत के लिए तैयार हैं.
राजनाथ ने कहा कि भारत में एक जीवंत लोकतंत्र है और सभी सदस्य इसमें योगदान देना चाहते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि राज्यसभा ने धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा पूरी कर ली है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका जवाब दे दिया है. राज्यसभा में धन्यवाद प्रस्ताव पर जवाब देते हुए उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के बयानों का उल्लेख करते हुए कृषि कानूनों को लेकर कांग्रेस पर यूटर्न लेने का आरोप लगाया. मनमोहन सिंह के पुराने बयानों को सुनाते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने किसानों के लिए एक बाजार उपलब्ध कराने की मंशा जताई थी, लेकिन हमने वही काम किया तो कांग्रेस यूटर्न ले रही है. यह तो आपके लिए गर्व का मौका था. आप कहते कि मोदी हमारे काम को आगे बढ़ा रहे हैं.