पीएम मोदी ने कहा दीदी ने बंगाल का विश्वास तोड़ा है, ‘TMC साफ़’ के मन्त्र पर काम करिये

डॉ. निशा सिंह

कोलकाता के ब्रिगेड मैदान में आयोजित चुनावी रैली में पीएम नरेंद्र मोदी ने ममता पर हमला किया. मोदी ने जनता से कहा कि बंगाल में डर और भय के पुराने दिन अब 2 मई से आगे नहीं चलने वाले हैं. बिना किसी राजनीतिक दल के दबाव में आये काम करिए. लोकतंत्र सर्वोपरि है. लोकसभा चुनाव में मन्त्र था- चुप चाप कमल छाप, आपने एक वोट की ताकत कश्मीर से कन्याकुमारी तक दिखाई है. अब ‘जोर से खाप, TMC साफ़’ के मन्त्र के साथ काम करना है.

पीएम मोदी ने कहा कि भाजपा वो पार्टी है जिसके संस्कारों में बंगाल की महक है. भाजपा वो पार्टी है जिसके डीएनए में बंगाल का सूत्र है. भाजपा वो पार्टी है जिस पर बंगाल का अधिकार है. पीएम मोदी ने चुनावी रैली में कहा कि कोलकाता का ब्रिगेड ग्राउंड बंगाल के विकास में रोड़ा अटकाने वालों का भी गवाह रहा है. बंगाल की भूमि को हड़ताल और बंद में झोंकने वालों की नीतियाँ भी इस ग्राउंड ने देखी है. इन लोगों ने बंगाल की भूमि का जो हाल किया वह पीढ़ी दर पीढ़ी बंगाल के लोगों ने बर्दाश्त किया है और यह यहाँ के लोगों की महानता है, इच्छाशक्ति है कि उन्होंने बंगाल में परिवर्तन की उम्मीदों को कभी छोड़ा नहीं है.

दीदी ने बंगाल के लोगों का विश्वास तोड़ा है

बंगाल ने परिवर्तन के लिए भी ममता दीदी पर भरोसा किया था, लेकिन दीदी और उनके कैडर ने आपका भरोसा तोड़ दिया. यह वही लोग है जिन्होंने बंगाल का विश्वास तोड़ा है, बंगाल को अपमानित किया है, यहाँ की बहन बेटियों पर अत्याचार किया है, लेकिन यहाँ के लोगों का हौसला कभी भी नहीं तोड़ पाए हैं. आज पश्चिम बंगाल के नौजवान, यहां के बेटे-बेटियां आपसे एक ही सवाल पूछ रहे हैं. उन्होंने आपको दीदी की भूमिका में चुना था, लेकिन आपने खुद को एक ही भतीजे की बुआ तक सीमित क्यों कर दिया? आपने एक ही भतीजे की बुआ होने के मोह को क्यों चुना? बंगाल के लाखों भतीजे-भतीजियों की आशाओं के बजाय आप अपने भतीजे का लालच पूरा करने में क्यों लग गईं? आप भी भाई-भतीजावाद के उन कांग्रेसी संस्कारों को छोड़ नहीं पाईं, जिनके खिलाफ आपने बगावत की थी.

बीजेपी पश्चिम बंगाल में ‘आशोल पोरिबोरतोन’ लाएगी

ममता पर हमला करते हुए पीएम ने कहा कि जनता से कहा कि आप अंदाजा लगा सकते हैं कि इनकी (TMC सरकार) कमीशनबाजी की वजह से कोलकाता एयरपोर्ट से जुड़े कई काम तक रुके हुए हैं. ऐसे रुके हर काम को भाजपा सरकार में तेज गति दी जाएगी. यहां के स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट को भाजपा सरकार के आने पर नई ऊर्जा मिलेगी. पश्चिम बंगाल में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के विस्तार को भी बल दिया जाएगा. इंजीनियरिंग, डॉक्टर, टेक्नॉलॉजी, ऐसे विषयों की पढ़ाई, बांग्ला भाषा में भी हो, इस पर भी जोर दिया जाएगा. हमारा लक्ष्य सिर्फ पश्चिम बंगाल में सत्ता का परिवर्तन करना ही नहीं है. हम बंगाल की राजनीति को विकास केंद्रित करना चाहते हैं. इसलिए हम आशोल पोरिबोरतोन की बात कर रहे हैं.

पीएम ने कहा कि आज़ादी के नारे पर कांग्रेस सत्ता में आई थी, आज़ादी के बाद कुछ समय काम हुआ, लेकिन फिर बंगाल पर वोटबैंक की राजनीति हावी होती चली गई. इस राजनीति को वामपंथियों ने और बढ़ाया और नारा दिया- “कांग्रेसेर कालो हाथ, भेंगे दाओ, गुड़िये दाओ!”
ऐसे ही नारों के दम पर वामपंथी सत्ता में आए, लगभग 3 दशक तक सत्ता संभाली. आज उस काले हाथ का क्या हुआ? जिस हाथ को वामपंथी तब काला समझते थे, वो आज सफेद कैसे हो गया? जिस हाथ को तोड़ने की बात करते थे, आज उसी का आशीर्वाद लेकर वो चल रहे हैं.

पश्चिम बंगाल से मां, माटी, मानुष बेहाल है

वामपंथियों के विरुद्ध ममता दीदी ने पोरिबॉर्तन का नारा दिया था. पश्चिम बंगाल से मां, माटी, मानुष के लिए काम करने का वादा किया था. पिछले 10 साल से यहां TMC की सरकार है, क्या सामान्य बंगाली परिवार के जीवन में वो परिवर्तन आया जिसकी उसे अपेक्षा थी? क्या किसान के, श्रमिक के, कर्मचारी के, जीवन में वो परिवर्तन आया, जो वो चाहते थे? क्या गरीब के जीवन में कोई परिवर्तन आया? क्या पश्चिम बंगाल के स्कूलों और अस्पतालों की स्थिति में परिवर्तन आया? क्या बंगाल के युवाओं के रोज़गार की स्थिति में परिवर्तन आया? क्या बंगाल के औद्योगीकरण में वो परिवर्तन आया, जितना उसका सामर्थ्य है? क्या दशकों से चली आ रही खून-खराबे की राजनीति में परिवर्तन आया?

पीएम मोदी ने कहा कि आज बंगाल में मां, माटी, मानुष की क्या स्थिति है, ये आप भलीभांति जानते हैं. मां पर गली-गली में हमले होते हैं, घर में घुसकर हमले होते हैं. अभी हाल में जो अस्सी साल की बूढ़ी मां के साथ हुआ है, जो निर्ममता दिखाई गई है, उसने इन लोगों का क्रूर चेहरा, पूरे भारत को दिखा दिया है. माटी की बात करने वालों ने बंगाल का कण-कण, तिनका-तिनका, बिचौलियों, कालाबाज़ारी करने वालों और सिंडिकेट के हवाले कर दिया. आज बंगाल का मानुष परेशान है. वो अपनी आंखों के सामने अपनों का खून बहता देखता है. वो अपनों को अपनी आंखों से सामने लुटते देखता है. वो अपनों को इलाज के अभाव में दम तोड़ते देखता है. वो अवसरों के अभाव में अपनों को पलायन करते देख रहा है और पूरा बंगाल अब एक स्वर में कह रहा है- आर नॉय औन्नॉय.

Jetline

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