ASEAN Summit 2023 : इंडोनेशिया के जकार्ता में आशियान-भारत समिट में पीएम मोदी ने कहा कि 21 वीं सदी एशिया की सदी है. भारत की एक्ट-ईस्ट नीति अहम है. भारत का सहयोग तेजी से बढ़ा है.
इंडोनेशिया के जकार्ता में 20वें आशियान-भारत समिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार भाग लिया और कहा कि वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच हमारे संबंधों में प्रगति हुई है. वैश्विक विकास में आसियान क्षेत्र की अहम भूमिका है. आसियान भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी का केंद्रीय स्तंभ है. उन्होंने कहा कि हमें हर क्षेत्र में मिलकर काम करने की जरूरत है. 21वीं सदी एशिया की सदी है. पीएम मोदी ने कहा कि मुझे विश्वास है कि आज हमारी बातचीत से भारत और आसियान क्षेत्र के भावी भविष्य को और सुदृढ़ बनाने के लिए नए संकल्प लिए जाएंगे.
आशियान-भारत समिट में हिस्सा लेने के लिए इंडोनेशिया के जकार्ता पहुंचे पीएम मोदी ने यहां समिट को संबोधित किया और कहा कि भारत की एक्ट ईस्ट नीति अहम है, भारत और आसियान के बीच सहयोग लगातार बढ़ रहा है. उन्होंने कहा कि वन अर्थ, वन फैमिली हमारा मंत्र है. हमें हर क्षेत्र में मिलकर काम करने की जरूरत है. पीएम मोदी ने जोको विदोदो को समिट के सफल आयोजन के लिए बधाई देते हुए कहा कि आसियान और भारत की साझेदारी चौथे दशक में प्रवेश कर रही है। इस समिट के शानदार आयोजन के लिए मैं इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विदोदो का मैं अभिनंदन करता हूं, आसियान समिट की अध्यक्षता के लिए उन्हें बहुत-बहुत बधाई.
पीएम मोदी के इंडोनेशिया के जकार्ता में आसियान-भारत समिट में भाग लेने से पहले ही प्रवासी भारतीयों ने उनका स्वागत किया. जकार्ता हवाईअड्डे पर प्रवासी भारतीयों ने पीएम मोदी का स्वागत किया. मोदी-मोदी और भारत माता के जयकारों से पूरा शहर गूंज उठा था. पीएम मोदी के स्वागत के लिए सिर्फ बड़े ही नहीं बल्कि, बूढ़े-बच्चे सभी एकत्रित हुए थे. पारंपरिक वेशभूषा में पहुंचे लोग तिरंगा लहरा रहे थे. पीएम मोदी ने भी प्रवासी भारतीयों से मुलाकात की.
चीन की नीति के विरोध में आसियान
भारत के साथ खड़े होते हुए आसियान के देश चीन की नीति के विरोध में उतर गये हैं. हाल ही में चीन ने एक नक्शा जारी किया था, उस पर सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि कई आसियान देशों ने आपत्ती जताई. फिलीपींस, वियतनाम, मलेशिया और ताइवान ने भी चीन के विवादित मैप का विरोध किया है और साउथ चाइना सी में चीन के दावे को खारिज कर दिया है. फिलीपींस ने कहा कि चीन को जिम्मेदारी से फैसले लेते हुए अंतरराष्ट्रीय कानून का पालन करना चाहिए, वहीं मलेशिया ने नक्शे को लेकर डिप्लोमैटिक प्रोटेस्ट दर्ज कराई है.
विशेष संवाददाता