मोदी ने की अपील, किसानों ने कहा पहले मेरी मांग तो पूरी हो

सोहन सिंह

कृषि कानून के मसले पर सरकार और किसानों के बीच का डेडलॉक खत्म नहीं हो रहा है. किसानों की ओर से लगातार कृषि कानून को वापस लेने की मांग की जा रही है, हालांकि सरकार किसानों से वार्ता कर संशोधन करने पर जोर दे रही है. पांच दौर की वार्ता, गृह मंत्री के साथ मुलाकात, लिखित प्रस्ताव पर किसान नहीं माने, जिसके बाद गुरुवार को कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने फिर विस्तार से सरकार का रुख स्पष्ट किया.

इसी बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज शुक्रवार को ट्वीट करते हुए बीते दिन कृषि मंत्री द्वारा किसान आंदोलन के मसले पर की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस का जिक्र किया और लोगों से उन्हें सुनने की अपील की गई. पीएम मोदी ने लिखा, ‘मंत्रिमंडल के मेरे दो सहयोगी नरेंद्र सिंह तोमर जी और पीयूष गोयल जी ने नए कृषि कानूनों और किसानों की मांगों को लेकर विस्तार से बात की है. इसे जरूर सुनें’

कृषि कानूनों पर केंद्र सरकार और किसानों के बीच टकराव और बढ़ गया है. किसान संगठनों ने केंद्र सरकार के प्रस्ताव को बुधवार को सिरे से खारिज कर दिया था . किसान नेताओं ने इसके साथ ही ऐलान भी कर दिया है कि कृषि कानूनों के रद्द होने तक आंदोलन जारी रहेगा. किसानों ने आंदोलन तेज करने की रुपरेखा भी तय की है.

बता दें कि सरकार ने किसानों को प्रस्ताव भेजा था, जिसमें MSP को लेकर गारंटी की बात की गई थी. उम्मीद थी कि बात बन जाएगी, लेकिन किसानों ने प्रस्ताव अस्वीकार कर दिया. सरकार की ओर से मिले प्रस्ताव के बाद किसान नेताओं ने सिंघु बॉर्डर पर मीटिंग की. बैठक के बाद किसानों ने औपचारिक प्रेस कांफ्रेंस करके अपनी बात कही, जिसमें आगे का प्लान बताया गया.

सरकार ने लिखित प्रस्ताव में सुझाए थे ये संशोधन

पांच दौर की बातचीत के बाद सरकार की ओर से किसानों को लिखित में प्रस्ताव भेजा गया था. इस लिखित प्रस्ताव में एमएसपी की गारंटी समेत मंडी को लेकर वादे किए गए. कृषि कानूनों को वापस लेने पर तो सरकार राजी नहीं है, लेकिन संशोधन प्रस्तावों में एपीएमसी को मजबूत करने की बात है. विवाद की सूरत में स्थानीय अदालत जाने का अधिकार दिया गया है. पराली जलाने पर सख्त कानून में ढील की भी बात कही गई.

किसानों का प्लान क्या है?

– रिलायंस के प्रोडक्‍ट्स का बहिष्कार करने का ऐलान

-14 दिसंबर को देशभर में धरना-प्रदर्शन होगा

– दिल्ली की सड़कों को करेंगे जाम

– दिल्ली-जयपुर, दिल्ली-आगरा हाइवे को 12 दिसंबर को रोका जाएगा

– पूरे देश में आंदोलन तेज होगा

– सरकार के मंत्रियों का घेराव होगा

– 14 दिसंबर को बीजेपी के ऑफिस का घेराव होगा

– 14 दिसंबर को हर जिले के मुख्यालय का घेराव होगा

– 12 दिसंबर को सभी टोल प्लाजा फ्री करेंगे

– कृषि कानूनों के वापस होने तक आंदोलन जारी रहेगा

-दिल्‍ली और आसपास के राज्‍यों से ‘दिल्‍ली चलो’ की हुंकार भरी जाएगी.

Jetline

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