उम्मीदवारों का आपराधिक इतिहास छुपाने का मामला : सुप्रीम कोर्ट ने बीजेपी, कांग्रेस, NCP और CPM पर जुर्माना लगाया

SC Verdict on penalty of Political Parties for Criminal Records

दिल्ली: इन्द्र मोहन सिंह

बिहार विधान सभा चुनावों में उम्मीदवारों का आपराधिक इतिहास सार्वजनिक नहीं करने पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त आदेश दिया है और 8 पार्टियों को अवमानना का दोषी मानते हुए जुर्माना लगाया है. सुप्रीम कोर्ट ने बीजेपी और कांग्रेस सहित 8 राजनीतिक दलों को अवमानना का दोषी ठहराया है. कोर्ट ने कांग्रेस और भाजपा पर एक-एक लाख रुपये, NCP और CPM पर पांच-पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया. मामले की गंभीरता को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट MP/MLAs के खिलाफ आपराधिक ट्रायल के जल्द निपटारे की निगरानी के लिए स्पेशल बेंच का भी गठन करेगा.

नेताओं का अपराधिक इतिहास एक एप पर दर्ज होगा – सुप्रीम कोर्ट

कोर्ट ने सीपीएम औरनेताओं का अपराधिक इतिहास एक एप पर दर्ज होगा – सुप्रीम कोर्ट NCP पर 5-5 लाख का तथा कांग्रेस, बीजेपी, जेडीयू, आरजेडी, एलजेपी, सीपीआई पर 1-1 लाख का जुर्माना लगाया है. देश में चुनाव सुधार को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट ने तीन अहम निर्देश दिए हैं. ये आदेश अब लोकसभा और विधान सभा के चुनाव के लिए लागू होंगे.

सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से कहा है कि एक मोबाइल एप बनाया जाए, जिसमें चुनाव लड़ रहे नेताओं के अपराधिक मामलों से जुड़ी जानकारी दर्ज होगी. इस एप में हर उम्मीदवार के बारे में बताया जाएगा कि उसके खिलाफ कितने अपराधिक मामले दर्ज है, किस तरह के अपराध का मुकदमा है और उनकी स्थिति क्या है. यह एप ऐसा हो कि एक ही जगह सारे नेताओं की अपराधिक जानकारी मिल जाए. इसके साथ ही कोर्ट ने चुनाव आयोग को एक अलग विभाग बनाने को कहा है, जिसका काम आम लोगों से शिकायत लेना और उसका निपटारा करना होगा. उम्मीदवारों की जानकारी छुपाने कि शिकायत इसी विभाग में दर्ज होगी.

सुप्रीम कोर्ट ने फरवरी 2020 के आदेश में किया संशोधन

आपको बता दें कि चुनाव सुधार और अपराध पर सुप्रीम कोर्ट ने फरवरी 2020 में एक आदेश दिया था. उस आदेश के मुताबिक सभी राजनीतिक दलों को अपने उम्मीदवार के अपराधिक मामलों की जानकारी नॉमिनेशन से दो हफ्ते पहले समाचार पत्रों, टीवी चैनलों, आफिनपर देनी थी, लेकिन आज अदालत ने इस आदेश में बदलाव किया. कोर्ट ने कहा कि उम्मीदवार के चयन के 48 घंटे के अंदर राजनीतिक दलों को नेताओं की पृष्टभूमि की जानकारी अपने वेबसाइट पर दर्ज करनी होगी.

<चुनाव आयोग क्रिमिनल मामले में दोषी पाए गए नेताओं के आजीवन चुनाव लड़ने पर पाबंदी की मांग कर चुका है
इधर चुनाव आयोग पहले ही अपराधिक मामले में दोषी पाए गए नेताओं के आजीवन चुनाव लड़ने पर पाबंदी लगाने की मांग कोर्ट से कर चुका है. कोर्ट के नेताओं के अपराधिक इतिहास की जानकारी सार्वजनिक करने के आदेश के बाद चुनाव आयोग भी सख्त कार्रवाई की मांग करेगा.

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