जातीय जनगणना पर पटना हाइकोर्ट ने रोक हटाई, बिहार में फिर से रूका काम शुरू होगा

पटना : उमेश नारायण मिश्रा

पटना हाइकोर्ट जातीय जनगणना पर से लगाई गई रोक को हटा दिया है और राज्य में फिर से जातीय जनगणना का काम शुरू होगा. हाइकोर्ट ने अपने पिछले फैसले में जातिगत जनगणना पर रोक लगा दी थी, जिसकी चुनौती राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में भी की थी, लेकिन यह याचिका खारिज हो गई थी.

पटना हाइकोर्ट ने जातिगत जनगणना पर रोक लगाने वाली सभी छः याचिकाओं को खारिज कर दिया. इधर अपीलकर्ता सुप्रीम कोर्ट में इस फैसले को चुनौती देंगे. आपको बता दें कि बिहार में बीते सात जनवरी को जातिगत जनगणना का काम शुरू किया गया था. नीतीश सरकार के नेतृत्व में महागठबंधन की सरकार में जातिगत जनगणना का काम शुरू किया था. इस जनगणना का पूरा काम दो चरणों में होना था. पहले चरण में घरों की गिनती की जानी थी, जबकि दूसरे चरण में जातियों को गिना जाना था. केंद्र द्वारा जाति आधारित जनगणना कराए जाने से इन्कार के बाद बिहार की सरकार इसे अपने खर्च पर कराने का फैसला लिया गया था.

बिहार में है कुल 204 जातियां

वर्ष 2011 की जनगणना के मुताबिक बिहार की जनसंख्या 10.38 करोड़ है. इसमें 82.69% आबादी हिंदू और 16.87% आबादी मुस्लिम समुदाय की है. इस हिंदू आबादी में 17% सवर्ण, 51% ओबीसी, 15.7% अनुसूचित जाति और करीब 1 फीसदी अनुसूचित जनजाति है. मोटे-मोटे तौर पर यह कहा जाता है कि बिहार में 14.4% यादव समुदाय, कुशवाहा यानी कोइरी 6.4%, कुर्मी 4% हैं. सवर्णों में भूमिहार 4.7%, ब्राह्मण 5.7%, राजपूत 5.2% और कायस्थ 1.5% हैं.

1931 के बाद से जाति आधारित जनगणना नहीं हुई

गौरतलब है कि पिछले साल जनवरी में एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा था, “किस जाति के लोगों की संख्या कितनी है, यह मालूम होना चाहिए. देश में आबादी के अनुरूप आरक्षण का प्रावधान हो. 1931 के बाद देश में जाति आधारित जनगणना नहीं हुई. अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और धर्म के आधार पर जनगणना हुई है. इसी तर्ज पर 2021 में सभी जातियों की जनगणना होनी चाहिए”. इसके लिए बिहार विधानसभा में 18 फरवरी 2019 को 2021 में जाति आधारित जनगणना कराए जाने का प्रस्ताव पारित किया गया था. आपको बता दें कि नीतीश कुमार ने सबसे पहले 1990 में जाति आधारित जनगणना कराने की मांग की थी, उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह को इसके लिए पत्र भी लिखा था.

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