आज से संसद का शीतकालीन सत्र, कृषि कानून निरस्त विधेयक पेश करेगी सरकार

दिल्ली : डॉ निशा सिंह

संसद का शीतकालीन सत्र आज से शरू हो रहा है। सरकार तीनों कृषि कानून को वापस लेने का विधेयक सदन के पटल पर रखेगी। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर पहली बार लोकसभा में कृषि कानून निरसन विधेयक 2021 पेश करेंगे। भले ही सरकार ने तीन कानूनों को निरस्त करने का फैसला किया है, लेकिन संसद का सत्र किसानों की फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानून की मांग को लेकर हंगामेदार रहने की उम्मीद है। विपक्षी दल पहले ही किसानों की मांग का समर्थन कर चुके हैं और इस मुद्दे पर सरकार को घेरने की कोशिश करेंगे।

संसद का शीतकालीन सत्र 29 नवंबर से 23 दिसंबर के बीच चलेगा।

भाजपा और मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने अपने सांसदों को उस दिन उपस्थित रहने के लिए व्हिप जारी किया है। इस बीच संसद सत्र की पूर्व संध्या पर 31 दलों के 42 सांसदों ने सर्वदलीय बैठक में भाग लिया। हालांकि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बैठक में शामिल नहीं हुए। महीने भर चलने वाले इस सत्र में 26 विधेयकों को संसद में पेश करने के लिए सूचीबद्ध किया जाएगा।
इसके पहले कल रविवार को संसद के शीतकालीन सत्र से पूर्व सरकार की बुलाई सर्वदलीय बैठक में विपक्षी दलों ने किसान आंदोलन, महंगाई, ईंधन की कीमतों में वृद्धि, बेरोजगारी, पेगासस जासूसी विवाद और लद्दाख में चीनी आक्रमण जैसे कई मुद्दों पर चर्चा कराए जाने की मांग उठाई। सदन में सरकार को विभिन्न मुद्दों पर सकारात्मक सहयोग का भरोसा भी दिलाया। सरकार की ओर से भी विपक्षी दलों को आश्वस्त किया गया कि वह उनके सकारात्मक सुझावों पर विचार करने और नियमों के तहत लोकसभा अध्यक्ष और सभापति की अनुमति से चर्चा कराने को तैयार है।
सर्वदलीय बैठक में हुई चर्चा के बारे में संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने बताया कि इसमें 31 दलों के कुल 42 नेताओं ने हिस्सा लिया। चर्चा के दौरान विभिन्न विषयों पर रचनात्मक और कुछ अच्छे सुझाव आए। विपक्ष से अपील की गई कि सदन में बिना किसी व्यवधान के कामकाज हो। विपक्ष ने भी आश्वस्त किया कि वे सदन को सुचारू रूप से चलाने में सहयोग करेंगे।

शीतकालीन सत्र की खास बातें

सत्र के 25 दिनों में होंगी 19 बैठकें
पेश होगा एक वित्त विधेयक और 36 अन्य विधेयक
इनमें कृषि कानूनों का निरस्तीकरण विधेयक, 2021 शामिल
तीन अध्यादेशों के स्थान पर भी लाएं जाएंगे विधेयक

सूत्रों का कहना है की पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों की घोषणा से पहले की गहमागहमी को देखते हुए शीतकालीन सत्र में राजनीतिक दल विभिन्न मुद्दों पर हंगामा भी कर सकते हैं। राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि सर्वदलीय बैठक में लगभग डेढ़ दर्जन प्रमुख मुद्दों पर चर्चा हुई। सभी विपक्षी दलों ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानून बनाने पर चर्चा कराने की ओर ध्यान खींचा। खड़गे ने स्पष्ट किया कि वैसे तो हम सरकार का सहयोग करना चाहते हैं। प्रत्येक अच्छे विधेयक पर हम सरकार का साथ देंगे, लेकिन चर्चा कराने को लेकर हमारी बात नहीं मानी गई तो सदन में होने वाले व्यवधान का दायित्व सरकार का होगा।

Jetline

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