Corona Effect : अभिभावक नए सत्र में बच्चों को स्कूल भेजने को तैयार नहीं : सर्वे

#Delhi Schools Reopens from September

न्यूज डेस्क

कोरोना की दूसरी लहर (Corona Effect) को देखते हुए देश के अधिकांश अभिभावक नए सत्र में बच्चों को स्कूल भेजने को तैयार नहीं हैं. इसका खुलासा सर्वे से हुआ है. देश में पिछले 45 दिनों में देश में कोरोना के नए मामलों की रफ्तार छह गुना तक बढ़ी है. कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर सरकार की ओर से गाइडलाइंस भी जारी की गयी हैं. हालांकि कोरोना की इस दूसरी लहर ने अभिभावकों की चिंता बढ़ा दी है, क्योंकि दूसरी लहर में बच्चे भी प्रभावित हो रहे हैं. दरसअल देश में कोरोना नया स्ट्रेन आया है, जिससे नए मामलों में तेजी आयी है. इस लहर में कम उम्र के युवा और बच्चे भी संक्रमित हो रहे हैं. केवल मार्च के महीने में बेंगलूरु में दस साल से कम उम्र के लगभग 500 से ज्यादा बच्चे कोरोना पॉजिटिव पाए गए. यही कारण है कि 58% अभिभावक अपने बच्चों को अप्रैल महिने में नए सत्र के दौरान स्कूल नहीं भेजना चाहते हैं.

भारत के अधिकांश राज्यों में अप्रैल से स्कूलों का नया सत्र शुरू होता है. इस बार नए सत्र में बच्चों की सेहत को लेकर अभिभावकों ने सर्वे एजेंसी लोकल सर्किल के प्लेटफॉर्म पर अपनी चिंताएं जाहिर की हैं. लोकल सर्किल पिछले साल (2020) अप्रैल के महीने से ही अभिभावकों से कोरोना के बीच बच्चों के स्कूल को लेकर प्रतिक्रियाएं ले रहा है. इसमें स्कूलों का दोबारा खुलना, ऑनलाइन क्लासेस, बच्चों के स्वास्थ्य, आदि अनेक विषय शामिल हैं. इस सर्वे में देश के 272 जिलों के 18,000 लोगों ने भाग लिया, जिसमें 44% टायर 1 इलाकों से, 28% टायर 2 और 28% टायर 3, 4 और ग्रामीण इलाकों के लोग शामिल हैं. लोकल सर्किल के सर्वे के अनुसार स्कूलों के दोबारा खोलने को लेकर अधिकांश अभिभावकों ने इनकार कर दिया था. हालांकि जनवरी 2021 में कोरोना के मामलों मे कमी को देखते हुए स्कूलों के दोबारा खोलने के मुद्दे पर राय थोड़ी बदलती नजर आयी थी. फरवरी के शुरुआत में 67% अभिभावकों ने स्कूलों के दोबारा खोले जाने पर सहमति जतायी थी, लेकिन अब 58% अभिभावक अपने बच्चों को अप्रैल महिने में नए सत्र के दौरान स्कूल नहीं भेजना चाहते हैं.

कोरोना के बढ़ते खतरे को देखते हुए लोकल सर्किल ने एक बार फिर अभिभावकों के बीच सर्वे करवाया है. सर्वे में दो सवाल किए गए थे. पहले सवाल के जवाब में 9,687 लोगों की प्रतिक्रिया आयी, जबकि दूसरे सवाल के जवाब में 8,613 लोगों की प्रतिक्रिया आयी. सर्वे में पूछा गया कि

अगर केंद्र, राज्य या फिर जिला प्रशासन स्कूल को फिर से खोलने का निर्णय करता है तो क्या आप बच्चों को स्कूल भेजेंगे?

जवाब में सिर्फ 25% लोगों ने ‘हां’ कहा,
58% लोगों ने ‘ना’ कहा,
10% ने कहा कि हमारे बच्चों का स्कूल अप्रैल में गर्मी की छुट्टियों के लिए पहले से ही बंद है.
7% लोगों ने कुछ बताने इनकार कर दिया.

दूसरे सवाल में पूछा गया कि

आप किन मानदंडों के आधार पर बच्चों को दोबारा स्कूल भेजेंगे?

जवाब में 73% लोगों ने कहा कि जब तक जिले में कोरोना के एक्टिव केस 100 से ज्यादा हैं,
18% ने कहा कि जब तक जिले में कोरोना के एक्टिव केस 200 से ज्यादा हैं,
7% ने कहा कि जब तक जिले में कोरोना के एक्टिव केस 500 से ज्यादा हैं, बच्चों के स्कूल दोबारा नहीं भेजेंगे.

Jetline

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