RBI ने कहा कि ब्याज दरों में नहीं कोई बदलाव, लोन की EMI पर राहत नहीं मिलेगी

RBI ने लगातार 11वीं बार ब्याज दरों में नहीं कोई बदलाव किया है. बदलाव रेट 6.50% पर बरकरार रखा गया है. अबकी बार भी लोन की EMI पर राहत नहीं दी गयी है. रेपो रेट वह दर है जिस पर कमर्शियल बैंक आरबीआई से पैसा उधार लेते हैं. RBI रेपो रेट का इस्तेमाल महंगाई को नियंत्रित करने के लिए करता है.

MPC की बैठक के बाद RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि लगातार 11वीं ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है. RBI ने रेपो रेट, CRR दरें बरकरार रखीं. MPC का पॉलिसी पर ‘NEUTRAL’ रुख आज भी बरकरार है. RBI ने रेपो रेट 6.50% पर और Standing Deposit Facility रेट 6.25% पर और Marginal Standing Facility रेट 6.75% पर कायम रखा है. आपको बता दें कि रेपो रेट वह दर होती है जिसपर किसी भी देश का केंद्रीय बैंक कमर्शियल बैंकों को पैसे उधार देता है. जब बैंकों के पास फंड की कमी होती है, तब वह केंद्रीय बैंक से पैसा उधार ले सकते हैं. इस पैसे पर रेपो रेट लगाया जाता है. रेपो रेट की मदद से MPC महंगाई को काबू में लाती है. RBI की ओर से रेपो रेट तब बढ़ाई जाती है. जब उसे महंगाई को नियंत्रित करना होता है. वहीं जब बाजार में ज्यादा धन डालने और आर्थिक विकास का समर्थन करने की जरूरत होती है तो रेपो रेट कम की जाती है

जानिए कुछ प्रमुख निर्णय के बारे में

किसानों को बड़ा तोहफा- किसानों के लिए कोलेटरल फ्री लोन की सीमा बढ़ाई. किसान कोलेटरल फ्री लोन सीमा बढ़ाकर 2 लाख रुपये कर दी है. किसान कोलेटरल फ्री लोन सीमा 1.6 लाख से बढ़ाकर 2 लाख रुपये कर दी है.

बैंकों के लिए CRR घटाकर 4% किया-बैंकों के लिए CRR 4.5% से घटाकर 4% किया. CRR में 0.50% कटौती की गई. सिस्टम में 1.16 लाख करोड़ रुपरये अतिरिक्त कैश आएगा.

MPC के 6 में से 4 सदस्य फैसले के पक्ष में है. मतलब साफ है कि ब्याज दरों में बदलाव के पक्ष में मत दिया.

RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि ग्लोबल ट्रेड में मजबूती, वॉल्यूम में बढ़ोतरी हुई है. RBI का मुख्य काम महंगाई को काबू करना है. प्राइस स्टेबिलिटी के साथ ग्रोथ भी जरूरी है.

अर्थव्यवस्था में रिकवरी जारी है-Q2FY25 GDP ग्रोथ अनुमान से बहुत कम रहा. Q2 स्लोडाउन के बाद रिकवरी जारी है.Q3FY25 GDP ग्रोथ अनुमान 7.4% से घटाकर 6.8% कर दिया है.

Jetline

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