बीजेपी ने जदयू विधायकों को तोड़ा – नीतीश टेंशन में, बिहार में फिर कुछ होने वाला है !

डॉ निशा सिंह

बिहार की सत्ता में शामिल जेडीयू और बीजेपी के बीच अब सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। अरुणाचल में जेडीयू के छह विधायकों को बीजेपी में एंट्री मिल गयी है। यानि नितीश कुमार को संकेत दे दिया गया है कि अब बीजेपी को उनकी राजनीतिक कद की परवाह नहीं है। आज पटना में जेडीयू की कार्यकारिणी की बैठक हो रही है। इस बैठक में अरुणाचल के हालत और बिहार की आगे की राजनीति पर मंथन होगा। मुख्यमंत्री नितीश कुमार इस वक्त टेंशन में आ चुके हैं। मात्र 43 सीट जीतने के बाद जेडीयू वर्तमान में बीजेपी के सामने कमजोर स्थिति में है। जाहिर है कि अभी तक अपने मन मुताबिक सरकार चला रहे नीतीश कुमार को अब अपनी और पार्टी के अस्तित्व को बचाने के लिए पसीना बहाना पड़ रहा है। अरुणाचल में बीजेपी की रणनीति से सकते में आये नितीश कुमार आने वाले दिनों में कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं। यानि राजद के साथ मिलकर बिहार में फिर सरकार बना सकते हैं। राजद नेता शिवानंद तिवारी ने भी संकेत दे दिया है कि नितीश कुमार को बीजेपी खत्म करने की राजनीति कर रही है। इसलिए नीतीश को बिहार के हित के लिए साहस करके बड़े फैसले लेने चाहिए।

अरुणाचल प्रदेश में बीजेपी के बाद जेडीयू दूसरा सबसे बड़ा दल था। अप्रैल, 2019 में हुए विधानसभा चुनाव में जेडीयू अकेले मैदान में उत्तरी थी। जेडीयू ने 15 सीटों पर चुनाव लड़ा और सात पर जीत हासिल की। 60 विधानसभा सीटों वाले प्रदेश में बीजेपी को 41, एनपीईपी को पांच और कांग्रेस को चार सीटें मिली थीं। इस तरह जेडीयू वहां दूसरा सबसे बड़ा दल बना। राजधानी ईटानगर में भी जेडीयू की जीत हुई थी। हालांकि दूसरी बड़ी पार्टी रहने के बाद भी जेडीयू ने विपक्ष में बैठने के बजाय सरकार को बाहर से समर्थन दिया था।

देश की राजनीति में ऐसा पहली बार हुआ है जब सत्ता में रहते हुए अपने सहयोगी दल के विधायकों को किसी बड़ी पार्टी ने अपने में शामिल कर लिया है। अरुणाचल में बीजेपी सत्ता में है। माना जा रहा है कि सात में छह विधायकों को अपनी पार्टी में शामिल कराकर बीजेपी ने जेडीयू को एक कड़ा संदेश भी दिया है। बीजेपी द्वारा जेडीयू विधायकों को अपनी पार्टी में शामिल किए जाने पर कांग्रेस और आरजेडी ने तंज कसा है। कांग्रेस ने कहा है कि बीजेपी विपक्षी पार्टी को तोड़ती रही है पर अरुणाचल प्रदेश की घटना ने साफ कर दिया है कि अब वह सहयोगी दल को भी तोड़ने लगी है। वहीं आरजेडी ने कहा कि बीजेपी ने जेडीयू के विधायकों को पार्टी में शामिल कर गठबंधन धर्म पर घात किया है। साथ ही बीजेपी ने यह भी संदेश दिया है कि अब नीतीश कुमार की परवाह नहीं करते है।

आज पटना में दो दिनों 26 और 27 दिसंबर को जदयू के राष्ट्रीय पदाधिकारियों, राष्ट्रीय कार्यकारिणी और राष्ट्रीय परिषद की बैठक शाम में होगी। इसके ठीक एक दिन पहले इस घटना के सामने आने से जेडीयू को बड़ा झटका लगा है। इस बाबत जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव और अरुणाचल प्रदेश के प्रभारी आफाह अहमद ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश में पार्टी का संगठन काफी मजबूत है। 22 दिसंबर को हमने वहां निकाय का चुनाव लड़ा है। 26 दिसंबर को चुनाव परिणाम आने हैं। आज की बैठक में अरुणाचल की घटना को लेकर नितीश कुमार अब आगे की रणनीति बनाने में जुटे हैं। यानि आने वाले दिनों में बिहार में एक बार फिर राजनीतिक हलचल तेज होने का अनुमान है।

अरुणाचल प्रदेश में जेडीयू सात सीटों पर जीती थी तो चार पर दूसरे और तीन पर तीसरे स्थान पर रही थी। एक सीट पर जेडीयू प्रत्याशी चौथे स्थान पर रहे थे। जेडीयू को विधानसभा चुनाव में 9.88 प्रतिशत वोट मिले थे। इसके बाद जेडीयू को वहां स्टेट पार्टी का दर्जा प्राप्त हुआ था। जेडीयू के छह विधायकों के शामिल होने के बाद अब बीजेपी के वर्तमान में अरुणाचल प्रदेश में 48 विधायक हो गए हैं।

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