बिहार : भाजपा को टारगेट कर नीतीश आखिर किस दिशा में जा रहे हैं ?

डॉ. निशा सिंह

बिहार में एनडीए की सरकार में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. मंत्रिमंडल विस्तार हो या फिर विधान परिषद् के खाली सीटों पर मनोयन का, ये मामला सियासी रणनीति के फेर में फंसा है. पिछले एक सप्ताह से बीजेपी और जद यू दोनों पार्टियां अपनी-अपनी बैठकों में व्यस्त हैं. नितीश कुमार लगातार पटना से निकलकर क्षेत्रों में घूम रहे हैं और राष्ट्रीय अध्यक्ष पद आर सी पी को देकर अब खुले दिमाग से अपनी रणनीति बनाने में जुटे हैं. इस बार छोटे भाई बनकर भी मुख्यमंत्री की कुर्सी तो बची रह गयी, लेकिन आगे का डगर बड़ा कठिन है. अरुणाचल की घटना और मंत्रिमंडल के लिए किच-किच के बीच जद यू की दो दिन की कार्यकारिणी की बैठक आज पटना में हो रही है. जद यू अपनी वापसी के लिए बैचेन है. तो दूसरी ओर बीजेपी 74 विधायकों के बल पर अब नितीश कुमार को डमी मुख्यमंत्री बनाकर रखना चाहती है. जद यू की कार्यकारिणी इधर पटना में चल रही उधर बीजेपी राजगीर में अपनी पार्टी की कार्यशाला कर रही है. यहाँ पर बिहार बीजेपी प्रभारी भूपेंद्र यादव, बी एल संतोष, राधामोहन सिंह से लेकर तमाम वरिष्ठ भाजपा नेता आगे की रणनीति बनाने में जुटे हैं. बिहार में बीजेपी अब और भी मजबूत होना चाहती है ताकि आगे बिहार की सत्ता मिल सके.

बिहार में मंत्रिमंडल विस्तार में हो रही देरी को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बार फिर से इसके लिए बीजेपी को टारगेट किया है. नीतीश कुमार ने कहा है कि कल बिहार बीजेपी के प्रभारी भूपेंद्र यादव और प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल के साथ उनकी मुलाकात जरूर हुई मगर इस दौरान मंत्रिमंडल विस्तार या फिर किसी प्रकार की कोई राजनीतिक चर्चा नहीं हुई है. मंत्रिमंडल विस्तार में हो रही देरी के लिए नीतीश कुमार ने सीधे तौर पर बीजेपी को जिम्मेदार ठहराया. नीतीश कुमार ने कहा कि बीजेपी नेताओं के साथ किसी भी प्रकार की कोई राजनीतिक बात नहीं हुई. मंत्रिमंडल विस्तार में इतनी देर पहले कभी नहीं होती थी. हम तो शुरुआत में ही मंत्रिमंडल विस्तार कर देते थे. मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर जब तक उन लोगों (बीजेपी) की राय नहीं आ जाएगी. जब उन लोगों की रिपोर्ट आ जाएगी तब हो जाएगा विस्तार, फिलहाल मंत्रिमंडल में कुल मिलाकर 14 लोग है. भाजपा को टारगेट कर आखिर नीतीश कुमार किस दिशा में जा रहे हैं ? क्या बिहार में एक बार फिर राजनितिक उथल -पुथल संभव है ? ये सवाल उठ खड़ा हुआ है कि आखिर मंत्रिमंडल विस्तार और खाली पड़े विधान परिषद् सीटों को कब तक भरा जायेगा.

वर्तमान में बिहार सरकार में ऐसे कई मंत्री हैं जिनके पास 5 से 6 विभाग की जिम्मेदारी है जिसकी वजह से लगातार सवाल उठ रहे हैं कि आखिर क्यों नीतीश कुमार अपने मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं कर रहे हैं ?

नीतीश कुमार से जब मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर इससे पहले भी सवाल पूछा गया था तो उन्होंने इसके लिए हो रही देरी के लिए बीजेपी को ही जिम्मेदार ठहराया था और कहा था कि जब तक बीजेपी की तरफ से मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर पहल नहीं होती है तब तक मंत्रिमंडल का विस्तार संभव नहीं है. ऐसे में इस बात के भी कयास लगाए जा रहे हैं कि 14 जनवरी के बाद नीतीश कुमार अपने मंत्रिमंडल का विस्तार कर सकते हैं लेकिन शुक्रवार के उनके बयान से एक बार फिर से सवाल खड़े हो रहे हैं कि क्या 14 जनवरी के बाद भी मंत्रिमंडल का विस्तार संभव हो पाएगा ?

मंत्रिमंडल विस्तार में देरी और बढ़ते अपराध पर विपक्ष का हमला

विपक्ष राजद और कांग्रेस ने कहा कि बीजेपी के दबाब में नीतीश कुमार अब वेबस मुख्यमंत्री बने दिख रहे हैं. मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर बीजेपी वाले नितीश की बात नहीं मान रहे हैं जिसके कारण मंत्रिमंडल की विस्तार और खाली पड़े विधान परिषद् कि सीटें नहीं भड़ी जा रही है.

बिहार में बढ़ते आपराधिक घटनाओं को देखते हुए तेजस्वी यादव ने फिर एक बार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा है. मुख्यमंत्री के साथ-साथ उन्होंने मुख्यमंत्री के ‘पांच पांडवों’ का भी जिक्र किया है. तेजस्वी ने आज कहा कि बिहार में अपराधियों का तांडव जितना बढ़ेगा उतना ही नीतीश कुमार के खास पांच पांडव मौज मनाएंगे. तेजस्वी यादव ने आज एक आधिकारिक ट्वीट कर कहा है, ” बढ़ते बेलगाम अपराध से बिहार के व्यवसायी डरे, प्रतिदिन बैंकों व दुकानों में हो रही करोड़ों की लूट, कहीं बम ब्लास्ट तो कहीं अंधाधुँध गोलीबारी, सरेआम अपहरण और महिलाओं के साथ दुष्कर्म, जितना होगा अपराधियों का ताबड़तोड़ तांडव, उतना मौज मनायेंगे नीतीश के खास पांच पांडव.”

राबड़ी देवी भी नितीश कुमार पर लगातार हमला कर रही है. राबड़ी ने कहा कि बिहार को अशिक्षा, ग़रीबी और बेरोजगारी का केंद्र बनाने वाले 16 वर्षों के अनुकंपाई मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का जनता-जनार्दन द्वारा हर जगह विरोध किया जा रहा है. BJP को सक्रियता दिखाने के लिए बेवजह घूम रहे हैं, लेकिन जनता से मिलते भी नहीं. जनता इनकी बहुरूपिया राजनीति समझ चुकी है. भाजपा नीत नीतीश सरकार की मुख्य उपलब्धि बन चुकी है भ्रष्टाचार, बलात्कार और बलात्कारियों को संरक्षण. 40 सीटों वाले अनैतिक मुख्यमंत्री और उनके भ्रष्ट अधिकारी क्या झाल बजाने के लिए बैठे हैं ?

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